Posted on 31 Aug, 2018 4:42 pm

 

पन्ना जिले के गोवर्धन जाटव पुराने जूते-चप्पल की सिलाई का काम कर अपनी जीविका चलाते थे। लगभग 2 हजार रूपये की मासिक आमदनी से घर का खर्च चलाना बहुत मुश्किल था। उन्हे राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से एक लाख 58 हजार रूपये का लोन देकर ई-रिक्शा खरीदने में मदद की। अब गोवर्धन ई-रिक्शा चलाकर पहले से बेहतर आय प्राप्त कर रहे है। वे कहते हैं कि ई-रिक्शा चलाकर महीने में लगभग 12 हजार रूपये की आय आसानी से हो जाती है। ऋण की किश्त चुकाने के बाद 8 हजार रूपये की शुद्ध मासिक आमदनी होती है। इससे उनकी आजीविका बेहतर हो गई है।

जबलपुर जिले के उमाशंकर गुप्ता शादियों के सीजन में टेलरिंग का काम करते थे। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना की मदद से उमाशंकर ने ई-रिक्शा खरीद लिया है। वे अब टेलरिंग के अलावा खाली समय में ई-रिक्शा चलाकर अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं। उनका कहना है कि टेलरिंग का काम मात्र 5-6 महीने ही मिलता था। उसी से पूरे परिवार का खर्च चलाना पड़ता था। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से प्राप्त एक लाख 60 हजार के ऋण से ई-रिक्शा खरीद कर उमाशंकर बहुत खुश है। वे कहते हैं कि ई-रिक्शा चलाने से अब इतनी आमदनी हो रही है कि परिवार का खर्च पहले की तुलना में अच्छे से चल रहा है।


सक्सेस स्टोरी (पन्ना, जबलपुर)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​

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