Posted on 23 Sep, 2016 5:38 pm

भोपाल : शुक्रवार, सितम्बर 23, 2016, 15:10 IST
 

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल परिसर में 2000 बिस्तर अस्पताल के प्रथम चरण के निर्माण के लिए 435 करोड़ 97 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

मंत्रि-परिषद ने 100 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय अनूपपुर का 200 बिस्तर में उन्नयन और अतिरिक्त 52 पद सृजन, उप-स्वास्थ्य केंद्र पसान का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्नयन और अतिरिक्त 7 पद सृजन तथा ग्राम मझगंवा, सिलौडी और बेलसरा में नवीन उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना और तीन ए.एन.एम. के पद सृजित करने की मंजूरी दी।

मंत्रि-परिषद ने चिनौर जिला ग्वालियर में वाणिज्य, विज्ञान एवं कला संकाय, उमरियापान जिला कटनी में कला एवं विज्ञान संकाय, केशवाही जिला शहडोल में कला संकाय, राजनगर जिला अनूपपुर में कला संकाय के साथ नए महाविद्यालय की स्थापना की मंजूरी दी। निर्णय के अनुसार शासकीय महाविद्यालय जैतपुर में भूगोल एवं रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर कक्षाएँ, शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर में राजनीति एवं रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर कक्षाएँ शुरू करने, शासकीय महाविद्यालय पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर में विज्ञान संकाय, शासकीय महाविद्यालय बड़वारा जिला कटनी में वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय, शासकीय महाविद्यालय बिजुरी जिला अनूपपुर में स्नातक स्तर पर वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय शुरू करने की स्वीकृति दी गई। इसके लिए 74 शैक्षणिक और 72 अशैक्षणिक कुल 146 पद के सृजन की मंजूरी दी गई।

मंत्रि-परिषद ने नगर परिषद मानपुर जिला उमरिया, नगर परिषद बकहो जिला शहडोल और नगर परिषद राजनगर जिला अनूपपुर को गठित किए जाने तथा नगर परिषद डोला एवं नगर परिषद डूमरकछार जिला अनूपपुर गठित करने की स्वीकृति देते हुए नगर परिषदों को अधिसूचित करने की अनुशंसा की है।

इसी प्रकार मंत्रि-परिषद ने नगर परिषद मोहना जिला ग्वालियर, नगर परिषद भैंसोदा जिला मंदसौर, नगर परिषद केसली जिला सागर तथा नगर परिषद सेमरी जिला होशंगाबाद को गठित करने की स्वीकृति देते हुए नगर परिषदों को अधिसूचित करने की अनुशंसा की।

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के लिए ट्रांसमिशन परियोजना के लिए 840 करोड़ का ऋण लेने की मंजूरी का अनुमोदन किया। यह मंजूरी बाहृय पोषित परियोजनाओं के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति ने प्रदान की थी। इसके तहत प्रदेश की ट्रांसमिशन कंपनी की परियोजना को प्रथम चरण की 2100 करोड़ की परियोजना के लिए वित्तीय पोषण तथा के.एफ.डब्ल्यू. जर्मन विकास बैंक से यह ऋण प्राप्त किया जाएगा। मंत्रि-परिषद के अनुमोदन के बाद अब अनुबंध हस्ताक्षरित किया जायेगा।

प्रदेश में विकेंद्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा आधारित विद्युत परियोजनाओं में विकास को प्रोत्साहित करने, ऊर्जा के पारंपरिक स्त्रोत पर निर्भरता कम करने, कार्बन उत्सर्जन कम करने और भविष्य के लिए संवहनीय ऊर्जा समाधान विकसित करने के उद्देश्य से मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश विकेंद्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति 2016 को अनुमोदित किया। यह नीति इसलिए लाई गई है ताकि आमजन बिजली के यथोचित इस्तेमाल का महत्‍व समझें और पारंपरिक ढंग से उत्पादित बिजली पर निर्भरता को कम करने की प्रक्रिया में शामिल हों। नीति लागू होने से अक्षय ऊर्जा घर-घर तक पहुँच सकेगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent