Posted on 04 Jun, 2016 8:44 pm

शौर्या दल को ताकतवर बनाने के लिये बनाये गये प्रशिक्षण मॉड्यूल की शुरूआत 16 जून को मण्डला से होगी। प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री जे.एन. कंसोटिया ने आज इस विषय पर राज्य-स्तरीय कार्यशाला की शुरूआत करते हुए यह जानकारी दी। कार्यशाला में प्रदेश के महिला-बाल विकास अधिकारी उपस्थित थे।

श्री जे.एन. कंसोटिया ने कहा कि आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती आदिवासी क्षेत्रों में महिला-बाल विकास योजनाओं को अभियान के तौर पर चलाने की है। उन्होंने कहा कि एक अन्य चुनौती सेक्स रेश्यो को बराबरी पर लाने की है। उन्होंने कहा कि यह न होने से समाज में सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक विसंगतियाँ पैदा होती हैं, जो विकास में बाधक बनती हैं। उन्होंने बेटी बचाओ अभियान को तेज गति से लागू करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि शौर्या दल महिला के प्रति होने वाली हिंसा की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाये। उन्होंने कहा कि सुदूर अंचलों में भी महिलाओं को पहचान मिले, इसके लिये गाँव की सबसे पढ़ी-लिखी महिला को सम्मानित करने की परम्परा शुरू की जाये। उन्होंने मैदानी स्तर पर महिला-बाल विकास योजनाओं को समन्वय के साथ क्रियान्वित करने को कहा।

आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती जयश्री कियावत ने कहा कि शौर्या दल ने कम समय में जो उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है, उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिये। उन्होंने हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिये 'उषा किरण' योजना को महत्वपूर्ण बतलाया। उन्होंने कहा कि इससे हम एक ही स्थान पर पीड़ित महिला को सारी सुविधाएँ उपलब्ध करवा सकेंगे, जिससे उसे न्याय मिले और जगह-जगह उसे भटकना न पड़े।

कार्यशाला में अधिकारियों ने शौर्या दल के प्रशिक्षण मॉड्यूल के संबंध में सुझाव दिये।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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