Posted on 02 Oct, 2018 8:56 am

 

गाँधी जयंती पर पत्र सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित परिचर्चा में आयुक्त जनसम्पर्क श्री पी. नरहरि ने कहा कि गाँधी जी एक व्यक्ति और व्यक्तित्व ही नहीं, एक विचार हैं। क्रांति हमेशा विचारों से ही शुरू होती है। उस दौर में जब सूचना तंत्र विकसित नहीं था, गाँधीजी के विचार देश और दुनिया में छा जाते थे। आज भी उनके विचार इतने प्रासंगिक लगते हैं कि उनके समकक्ष कोई नहीं दिखाई देता।

स्वच्छता और गाँधी दर्शन विषय पर श्री नरहरि ने कहा कि गाँधी जी ने स्वच्छता को एक विचार के तौर पर व्यापकता से प्रस्तुत किया था। उनके एक वाक्य से क्रांति आ जाती थी। यदि गाँधी जी आज के दौर में होते, तो ना जाने कितने विचारों का सृजन होता।

पत्र सूचना कार्यालय के उप निदेशक श्री अखिल नामदेव ने कहा कि बापू ने हर अभियान की शुरुआत खुद से की। उनके विचार इतने सशक्त थे कि जिस साम्राज्य में सूरज नहीं डूबता था, अहिंसा के दम पर उन्होंने उस साम्राज्य की जड़े हिला दी थीं। उन्होंने हस्तशिल्प और ग्रामोद्योग के माध्यम से ग्राम स्वराज का दर्शन कराया। बापू ने परिवेश के साथ-साथ मन की मलीनता दूर करने का जो रास्ता दिखाया, वह मानवता के जीवित रहने तक प्रासंगिक रहेगा।

वूमंस प्रेस क्लब की अध्यक्ष दीप्ति चौरसिया ने अपने पत्रकारिता के अनुभवों को साझा करते हुए स्वच्छता अभियान के अतीत और वर्तमान परिदृश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे धार्मिक संस्कारों में भी स्वच्छता बेहद महत्व रखती है। इसलिए वैचारिक स्वच्छता पर भी ध्यान देना जरूरी है।

इस अवसर पर वूमंस प्रेस क्लब की सदस्य श्रुति कुशवाहा, जूही वर्मा, गरिमा विजयवर्गीय, कोमल शर्मा,  शैफाली पांडे आदि ने भी अपने विचार रखे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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