Posted on 14 Dec, 2016 5:11 pm

भोपाल : बुधवार, दिसम्बर 14, 2016, 17:02 IST
 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुसार प्रदेश में 15 जनवरी से 27 फरवरी तक ह्दय, लीवर, कैंसर आदि गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को चिहिन्त करने के लिए शिविर लगेंगे। शिविर में जिले के कलेक्टर और मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। चिकित्सक राज्य बीमारी सहायता निधि के पात्र रोगियों का प्राक्कलन तैयार करेंगे। दो लाख रूपये तक के प्रकरणों पर कलेक्टर मौके पर ही स्वीकृति दे सकेंगे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने यह जानकारी आज प्रशासन अकादमी में अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए दी। कार्यक्रम का विषय था 'स्वास्थ्य सेवाएँ- जन-सामान्य तक पहुँच एवं उनकी प्रभावशीलता''।

श्री रूस्तम सिंह ने मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र मोहन कंवर को आश्वस्त किया कि आयोग द्वारा भेजे गए प्रकरणों में शीघ्र मुआवजा स्वीकृत कर दिया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में चर्चा के बाद मिले निष्कर्षों के आधार पर आयोग द्वारा की गई अनुशंसाओं को भी स्वास्थ्य विभाग लागू करने का प्रयास करेगा।

कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. कंवर ने कहा कि चिकित्सक यदि अपने घोषणा-पत्र का पालन करें और अपने व्यवसाय को मानवता की सेवा मान कर चलें तो मरीज-चिकित्सक का गौरवशाली संबंध पुनर्जीवित हो जाएगा। पहले लोग चिकित्सक को भगवान का दर्जा देते थे जो आज लुप्त होता जा रहा है। डॉ. कंवर ने कहा कि चिकित्सक इस द्रुतगामी समय में मरीजों को लंबी प्रतीक्षा न कराये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों की अपेक्षा बच्चे कुपोषण का अधिक शिकार हैं जिसका कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता की कमी है। पढ़ाई के बाद अधिक से अधिक मेडिकल छात्र शासकीय अस्पतालों में कार्य करें इसके लिए भी शासन स्तर पर जरूरी बदलाव और प्रयास किए जाएं ताकि रिक्त पदों की पूर्ति की जा सके।

प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती गौरी सिंह, प्रमुख सचिव मानव अधिकार आयोग श्री विनोद कुमार, पूर्व कुलपति चिकित्सा विश्वविद्यालय जबलपुर डॉ. डी.पी. लोकवाणी, पुलिस महानिदेशक होमगार्ड श्री मैथिलीशरण गुप्त और प्रदेश के विभिन्न जिलों के चिकित्सक उपस्थित थे।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्रीमती सुषमा सिंह ने अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किए और आभार प्रकट किया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश