Posted on 31 Aug, 2018 4:44 pm

 

प्रदेश में जन्म-जनित बीमारियों, हृदय रोग, आंख, नाक, कान, अस्थि, आदि गम्भीर रोगों से पीड़ित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों और बड़ों का सरकारी खर्चे पर इलाज करवाया जा रहा है। इस तरह लोगों को स्वस्थ्य जीवन जीने में मदद की जा रही है। धार जिले में पेशे से श्रमिक महेश शर्मा को संबल योजना की मदद से हृदय रोग से मुक्ति मिल गई है। मण्डला जिले के मासूम मदीहा को पीलिया, झाबुआ जिले के मासूम अनूज को गूँगे-बहरेपन, मुरैना के मासूम अरूण को भैंगेपन और बैतूल जिले की 10 वर्षीय बेटी संजना को हृदय रोग से राज्य सरकार की योजना की मदद से मुक्ति मिल गई है।

पूरी तरह से स्वस्थ्य है महेश :धार जिले के महेश को हृदयाघात हुआ था। पेशे से श्रमिक महेश शर्मा ने असंगठित श्रमिक पंजीयन योजना में पंजीयन करवा लिया था। राज्य बीमारी सहायता निधि में एक लाख रूपये से उनका इंदौर के निजी अस्पताल में 2 जून 2018 को सफल ऑपरेशन हो गया। अब महेश और उसका परिवार खुश है।

अपने पैरों पर खड़ी हो गई मदीहा :मण्डला जिले की 7 वर्षीय मदीहा को जन्म के दौरान ही पीलिया हो गया था। परिवार ने हर तरह का इलाज करवाया, किन्तु कोई फायदा नहीं हुआ। तभी किसी ने मासूम मदीहा को जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र ले जाने की सलाह दी। केन्द्र में मदीहा का परीक्षण करने के बाद उसे नियमित रूप से फिजियोथेरेपी के लिये आने की सलाह दी गई। फिजियोथैरेपी से मदीहा के हाथ-पैरों में ताकत आने लगी और वह अपने पैरों पर खड़ी होने लगी है। अब वाकर के सहारे चलने भी लगी है। मदीहा ऊर्दू स्कूल में पढ़ने जाने लगी है।

अब बोल और सुन सकता है अनुज :झाबुआ जिले के ग्राम पीपलीपाडा निवासी 8 वर्षीय अनुज अब सुन भी सकता है और बोल भी सकता है। अनुज जब 6 महीने का हुआ, तब बातों पर प्रतिक्रिया नहीं देता था। वह जन्म से ही गूंगा और बहरा है। परिवार के पास इतना पैसा था नहीं कि उसका पर्याप्त इलाज करवा पाते। तभी गांव में आरबीएसके की टीम आयी। टीम ने अनुज का चिकित्सकीय परीक्षण के बाद बताया कि मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में इसका सरकारी खर्चे पर ऑपरेशन हो जायेगा और वह सामान्य बच्चों की तरह बोल और सुन सकेगा। इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में अनुज का ऑपरेशन करवाया गया। अब वह गूँगा-बहरा नहीं है। सबकी बाते सुनता है और खूब बोलता है।

दूर हुआ अरूण की आंखों का विकार: मुरैना जिले के जौरा निवासी श्रीनिवास बंसल के 4 वर्षीय बेटे अरूण को एक आंख छोटी और दूसरी बढ़ी, नजरें तिरछी और भैंगेपन की शिकायत थी। परिवार इसे ईश्वरीय देन मानकर निराश होकर बैठा गया था। लोगों के कहने पर जब जिला अस्पताल में बेटे को दिखाया, तो चिकित्सकों ने कहा कि अरूण ठीक हो सकता है। इलाज में आर्थिक स्थिति आड़े नहीं आयेगी, क्योकि राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम में सरकार ऑपरेशन का खर्च उठाएगी। अरूण का ग्वालियर के ज्योति अस्पताल में एक आंख का सफल ऑपरेशन हो चुका है। अब दूसरी आंख का ऑपरेशन होगा।

हृदय रोग से मुक्त हुई संजना : बैतूल जिले के ग्राम गोंदरा निवासी दीपचंद इवने की 10 वर्षीय बेटी संजना जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित थी। एकदिन गांव पहुँची आरबीएसके की टीम ने संजना को परीक्षण के दौरान हृदय रोग से ग्रसित पाया। टीम ने संजना को बैतूल जिला चिकित्सालय रेफर करते हुए माता-पिता को नि:शुल्क शल्य चिकित्सा की जानकारी दी। भोपाल के सिद्धांता रेडक्रास हॉस्पिटल में 15 जनवरी 2018 को संजना की सफल हार्ट सर्जरी हुई। अब संजना स्वस्थ्य है।


सक्सेस स्टोरी (धार,बैतूल,झाबुआ,मुरैना,मण्डला)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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