केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने प्रस्तावित गंगा अधिनियम का प्रारूप तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। समिति के अन्य सदस्य हैं – श्री वी के भसीन, पूर्व सचिव विधायी विभाग भारत सरकार, प्रोफेसर ए के गोसाई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, प्रोफेसर नयन शर्मा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के निदेशक श्री संदीप समिति के सदस्य सचिव होंगे।
यह समिति गंगा नदी की समग्रता को ध्यान में रखते हुए गंगा अधिनियम का प्रारूप तैयार करेगी। इस प्रस्तावित अधिनियम में नदी की निर्मलता और अविरलता को सुनिश्चित करने के प्रावधान शामिल होंगे। समिति इस अधिनियम गंगा नदी से संबंधित और कोई भी प्रावधान शामिल कर सकती है। समिति से कहा गया है कि वह तीन महीने के अंदर अधिनियम का प्रारूप तैयार करे। आवश्यकता पड़ने पर समिति का कार्यकाल और तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि इस महीने की चार तारीख को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) की छठीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस संबंध में घोषणा की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि गंगा घाटी के पांचों राज्य सिद्धांत रूप में इस विचार से सहमत हैं।
79 वर्षीय श्री गिरिधर मालवीय लंबे समय से गंगा संरक्षण अभियान से जुड़े रहे हैं और गंगा से उनका भावनात्मक लगाव है। वे गंगा महासभा के अध्यक्ष भी हैं। महासभा की स्थापना उनके पितामह और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक और जाने माने स्वतत्रंता सेनानी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने ही की थी।
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India
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