Posted on 16 Mar, 2018 4:36 pm

 

ध्यप्रदेश में खेती में कृषि यंत्रों का उपयोग करने वाले किसानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे कृषि उत्पादन बढ़ा है और किसानों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को पारम्परिक खेती के साथ उद्यानिकी की फसलों को लेने के लिये भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

शहडोल जिले में बारहमासी खेती के प्रति किसानों की रूचि बढ़ी है। अब यहां के किसान पॉली हाउस में अनुकूल माहौल बना कर बारहमांसी सब्जी की खेती से दो गुना उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा बारहमासी खेती पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जा रहा है। जिले के गोहपारू ब्लॉक के उमरिया गांव के किसान देवीदीन अहिरवार ने पॉली हाउस तैयार किया है। अब वे पूरे साल खेत में सब्जी ले रहे हैं। उन्हें इससे अच्छा मुनाफा भी हुआ है। जिले के अन्य ब्लॉक सुहागपुर, बुढार, ब्यौहारी और जयसिंहनगर के किसानों ने भी अपने खेतों में पॉली हाउस का निर्माण कर सब्जी का उत्पादन लिया है। पॉली हाउस में एक एकड़ भूमि पर 50 हजार रूपये की पूंजी लगती है। इस पूंजी से किसान को खेती से एक लाख 50 हजार रूपये तक का फायदा हो जाता है।

सीहोर जिले में नसरूल्लागंज तहसील के ग्राम ससली के किसान महेन्द्र सिंह पिछले कई वर्षो से 6 एकड़ सिंचित भूमि पर खेती करते आ रहे हैं। महेन्द्र सिंह बताते हैं कि कई वर्षो से किराये की मशीन से थ्रेसिंग का कार्य करते थे। इस कारण उन्हें करीब 15 हजार रूपये भुसा बनाने और दाने निकालने पर खर्च करना पड़ते थे। उन्होंने इस संबंध में किसान कल्याण एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। फलस्वरूप महेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 80 हजार रूपये का अनुदान लेकर मल्टीक्राप थ्रेसर खरीदा। आज वे अपनी स्वयं की थ्रेसर मशीन से काम कर रहे हैं। क्षेत्र के अन्य किसानों ने महेन्द्र सिंह से मल्टीक्राप थ्रेसर मशीन के संबंध में और उनको मिली अनुदान राशि के बारे में पूछताछ कर मशीन लेने का मन बनाया है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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