Posted on 03 Jun, 2016 9:14 pm

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये एकीकृत उत्पादन सहायक होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य-कार्ड बनवाकर मिट्टी के अनुरूप कृषि उपज लेने से ही खेती को लाभ का धंधा बनाने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री सिंह आज रीवा में कृषि एवं अन्य संबंधित विभागों एवं कृषि वैज्ञानिकों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। जनसंपर्क तथा ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, सांसद श्री जनार्दन मिश्र उपस्थित थे।

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री सिंह ने कहा कि किसानों को परम्परागत खेती के बजाय व्यावसायिक कृषि की ओर प्रोत्साहित करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि खेतों की मिट्टी के अनुरूप फसल का चयन किया जाये। इन सब उपायों से ही किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने एकीकृत उत्पादन के लिये किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र में भ्रमण करवाने तथा कृषि वैज्ञानिकों को समय-समय पर किसानों को सम-सामयिक सलाह देने के निर्देश भी दिये।

कृषि मंत्री ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने में गति लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिले के जिन किसानों का गत वर्ष का लक्ष्य रह गया था, उसे चालू वर्ष में पूरा करवाया जाये। उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर पर मिट्टी परीक्षण के लिए मिनी लेब स्थापना के प्रयास किये जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने सांसद आदर्श ग्राम में उन्नत कृषि तकनीक के उपयोग एवं कृषकों को वॉटर-शेड के माध्यम से सिंचाई के संसाधन उपलब्ध करवाने की बात कही। उन्होंने अधिक पानी वाली फसलों में माइक्रो एरिगेशन ‍स्प्रिंकलर के उपयोग पर भी बल दिया।

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने जिले में मत्स्य उत्पादन के लिये किसानों को तालाब बनाने के लिये करवाये गये कार्यों की जानकारी भी संबंधित अधिकारियों से ली। उन्होंने कहा कि किसानों को अन्य जिलों और प्रदेशों में भ्रमण पर ले जाकर नई-नई तकनीक से परिचित कराया जाये। 'आत्मा' परियोजना में किसानों के जागरूकता कार्यक्रम निरंतर किये जायें। श्री सिंह ने कहा कि कृषि अधिकारी तथा कृषि वैज्ञानिक समन्वय से किसानों को नई तकनीक बतायें ताकि मध्यप्रदेश में खेती के क्षेत्र में जो अच्छा कार्य हुआ है, वह आगे भी चलता रहे।

संचालक कृषि श्री एम.एल. मीणा ने प्रदेश में कृषि विकास के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की योजना से कृषि मंत्री को अवगत करवाया। कलेक्टर ने बताया कि रीवा जिले में एनआरएलएम की महिला समूहों द्वारा कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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