Posted on 29 May, 2018 3:25 pm

 

पन्ना जिले के ग्राम नारायणपुरा (बांधा हार) में किसान जीतेन्द्र खेत में गहरी जुताई और बीजोपचार से चने का दोगुना उत्पादन ले रहे हैं। उनके खेतों को उगरा रोग से मुक्ति मिल जाने से आसपास के गाँव के अन्य किसान भी खेतों में गहरी जुताई करवा रहे हैं।

जितेन्द्र कई वर्षों से करीब साढ़े पाँच एकड़ पैतृक भूमि पर खेती करते आ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से खेत की मिट्टी में उगरा बीमारी के कारण उन्हें फसल में 60 प्रतिशत तक नुकसान हो रहा था। उनके अथक प्रयासों से भी कोई उपचार नहीं मिल रहा था। कृषि में घटती आमदनी से उनका पूरा परिवार चिंतित था। जीतेन्द्र की मुलाकात आत्मा परियोजना के तकनीकी प्रबंधक निलय सक्सेना हुई और उन्होंने खेत का मुआयना कर बताया कि उगरा रोग चने की विश्व-व्यापी समस्या है।

आत्मा परियोजना के अधिकारी ने बताया कि आगामी सीजन में इस रोग को बढ़ने से रोकने के लिये जरूरी है ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई और बीज का ठोस उपचार। अप्रैल मध्य से मई माह तक उच्च तापमान में मिट्टी पलट हल से गहरी जुताई से जमीन में छिपे रोगकारक फफूंद और वैक्टीरिया सतह पर आ जाते हैं। तेज गर्मी से यह वैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। गहरी जुताई से जमीन में वायु का संचार बढ़ जाता है और उगरा की संभावनाएँ खत्म हो जाती हैं। अधिकारी ने बीज बोने के पहले थायामेथाक्जोम दवा से बीज उपचार करने की सलाह भी दी।

जितेन्द्र बताते हैं कि कृषि खेत में गहरी जुताई के बाद दवा से बीज उपचारित कर बुवाई की। परिणाम प्रति एकड़ 10 से 11 क्विंटल चना उत्पादन था, जो पहले 5 से 6 क्विंटल प्रति एकड़ ही हुआ करता था। उनकी देखादेखी गाँव के अन्य किसानों ने भी अपने खेत में गहरी जुताई करवाई है।

सक्सेस स्टोरी (पन्ना)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश