खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों के विकास की राह होगी आसान
Posted on 15 Jun, 2016 11:35 am
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों के और बेहतर विकास के निर्णय लिए गए। राज्य की उद्योग संवर्धन नीति-2014 में विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान रहेगा। इससे कई छोटे उद्योग के विकास की राह आसान होगी और वे सीधे लाभान्वित होंगे।
प्रदेश में उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में गत कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। उत्पादन अधिक होने से अक्सर किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलने में कठिनाई होती है। खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों को अधिक बढ़ावा देने से उद्यानिकी उत्पादन को बेहतर बाजार मिलेगा और किसानों को मिलने वाली कीमतों में भी सुधार आयेगा।
कुछ अन्य राज्य द्वारा खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए विशिष्ट सुविधाएँ दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश में अघिक इकाइयाँ आकर्षित हों, इसके लिए आवश्यक है कि प्रदेश की नीति अन्य राज्यों के समरूप अधिक आकर्षक हो। इसलिए खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को जो सामान्य रूप से मौसम आधारित होती हैं, उन्हें भी अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में उद्योगों को प्रोत्साहन दिए जाने के लिए मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति 2014 लागू है। उद्योग संवर्धन नीति और खाद्य प्र-संस्करण नीति में दोहराव न हो, इस उद्देश्य से नवीन खाद्य प्र-संस्करण नीति लागू करने की बजाय खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को शासन द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहन को राज्य की उद्योग संवर्धन नीति, 2014 में ही समाविष्ट किया जाएगा। इससे शासन की सिंगल विंडो प्रणाली की मंशा की पूर्ति भी होगी। विशिष्ट वित्तीय सहायताएं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को उपलब्ध होगी।
खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों की स्थापना, आधुनिकीकरण और उनके तकनीकी उन्नयन के लिए प्लांट मशीनरी एवं भवन में किये गये निवेश का 25 प्रतिशत लागत पूँजी अनुदान उपलब्ध होगा। अनुदान की अधिकतम सीमा राशि 2.5 करोड़ रुपए होगी। यह सहायता 25 करोड़ रुपए तक निवेश करने वाली इकाइयों के लिए उपलब्ध होगी, परंतु अधिकतम अनुदान 2.5 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होगा।
खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों में अपशिष्ट के निपटान के लिए केप्टिव पॉवर जनरेशन/जैविक खाद निर्माण के लिए प्लांट एन्ड मशीनरी की लागत पर 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी। सहायता की अधिकतम राशि 150 लाख रुपए होगी। गैर उद्यानिकी उत्पादों यथा दुग्ध उत्पाद के लिए कोल्ड चेन, वेल्यू एडीशन एवं प्रिजर्वशन अधोसंरचनाओं में प्लांट एवं मशीनरी में किये गये निवेश एवं रिफर वेन के लिए किये गए निवेश का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 10 करोड़ रुपए अनुदान सहायता उपलब्ध हो सकेगी। यह सहायता वृहद उद्योगों को भी देय होगी।
खाद्य प्र-संस्करण इकाई द्वारा विगत वर्ष में वेट और केंद्रीय कर के रूप में जमा की गई राशि का शत-प्रतिशत सेट ऑफ निवेश संवर्धन सहायता इकाई को 10 वर्ष के लिए उपलब्ध करवाई जायेगी, जिसकी अधिकतम सीमा इकाई के निवेश के 200 प्रतिशत राशि के बराबर होगी। इसी प्रकार खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को वर्तमान विद्युत नीति में एक रुपए प्रति विद्युत इकाई की दर से छूट उपलब्ध है। कोल्ट स्टोरेज, कोल्ड चेन, राईपनिंग चेम्बर, इंडीविजुअल क्विक फ्रीजिंग इकाइयों द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों को पूर्ण विद्युत दर के देयक का भुगतान किये जाने के बाद एक रुपए प्रति विद्युत इकाई की दर से प्रतिपूर्ति उपलब्ध करवाई जायेगी। यह सहायता उत्पादन/व्यावसायिक परिचालन की तिथि से 5 वर्ष तक की अवधि के लिए देय होगी। सीजनल निम्न दाब औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को ऑफ -सीजन में सामान्य टैरिफ से प्रावधान अनुसार छूट देय होगी।
निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वायुयान एवं सड़क के माध्यम से इनलेंड कंटेनर डिपो/बंदरगाह तक प्र-संस्कृत उत्पादों के परिवहन पर व्यय की गई राशि के 30 प्रतिशत की दर से रुपए 10 लाख प्रतिवर्ष की सीमा तक प्रतिपूर्ति की जायेगी। यह सहायता प्रथम उत्पादन के दिनांक से 5 वर्ष की अवधि के लिए होगी। यह सहायता केवल आटा, चावल और सोया तेल के परिवहन पर उपलब्ध नहीं होगी।
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के क्रियान्वयन के लिए 500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति की मंजूरी दी है। इस योजना में स्वीकृत जल प्रदाय योजना में हडको से ऋण प्राप्त करने के लिए 1000 करोड़ रुपए की सीमा तक शासकीय प्रत्याभूति की स्वीकृति दी गई थी, जिसका उपयोग किया जा चुका है।
मंत्रि-परिषद ने रतलाम-झाबुआ एवं लिंक रोड थांदला (राजस्थान सीमा तक) के लिए 153 करोड़ 23 लाख 92 हजार तथा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-69 के चैनेज किलोमीटर 28 से 62.10 मार्ग खण्ड (बुधनी-होशंगाबाद-इटारसी-पथरोटा) के लिए 98 करोड़ 78 लाख 8 हजार रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी है।
मंत्रि-परिषद ने न्यायिक जिला बुरहानपुर की स्थापना पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय के लिए 7 पद तथा ग्राम न्यायाधिकारी के न्यायालय के लिए 6 पद कुल 13 पद तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के मंजूर किए।
मंत्रि-परिषद ने सेवानिवृत्त उप संचालक जनसंपर्क श्री दिनेश मालवीय को मध्यप्रदेश माध्यम में महाप्रबंधक (प्रसार एवं विज्ञापन) के रिक्त पद पर एक वर्ष के लिए संविदा नियुक्ति देने का निर्णय भी लिया।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश