Posted on 10 Aug, 2018 6:22 pm

 

प्रदेश में इस वर्ष खरीफ फसलों की बोनी का कार्य लगभग समाप्त हो रहा है। अब तक 129 लाख 11 हजार हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बोनी पूर्ण हो चुकी है। इस वर्ष प्रदेश में खरीफ सीजन में 132 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसलें बोये जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है।

प्रदेश में जुलाई माह में हुई पर्याप्त बारिश से किसानों ने फसलों की बुआई का काम तेजी से किया है। इस वर्ष सोयाबीन 53 लाख 18 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोया गया है, जबकि सोयाबीन का 46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का कार्यक्रम तय किया गया था। अन्य तिलहनी फसलों मूँगफली, तिल, रामतिल की बुआई करीब 60 लाख हेक्टेयर में की जा चुकी है, जो निर्धारित किये गये लक्ष्य से 111 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में धान की रोपाई का कार्य अभी भी किसानों द्वारा किया जा रहा है। अब तक 19 लाख 66 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई की जा चुकी है। इस वर्ष 22 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई का अनुमान लगाया गया है। अनाज की अन्य फसलों में अब तक किसानों द्वारा मक्का 13 लाख 2 हजार हेक्टेयर, ज्वार 2 लाख 51 हजार हेक्टेयर, बाजरा 2 लाख 23 हजार हेक्टेयर तथा कोदो एक लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों द्वारा बोई जा चुकी है। अनाज की फसलों की बोआई 39 लाख 23 हजार हेक्टेयर में की जा चुकी है।

किसानों द्वारा दलहनी फसलों की बोआई का कार्य भी किया जा रहा है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब तक प्रदेश में अरहर 6 लाख 25 हजार हेक्टेयर, उड़द 14 लाख 55 हजार हेक्टेयर, मूँग 2 लाख 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोया गया है। इस प्रकार, 23 लाख हेक्टेयर में दलहनी फसलों की बुआई की जा चुकी है। यह निर्धारित लक्ष्य का करीब 82 प्रतिशत है।

किसानों को खरीफ फसलों के संबंध में कृषि विशेषज्ञों द्वारा कुल्फा, डोरा, हैण्ड-व्हीलहो चलाकर निदाई करने की सलाह दी गई है। किसानों से रासायनिक नींदा नियंत्रण और खेत की नमी की अनिवार्य रूप से जाँच करने के लिये भी कहा गया है। इसी के साथ कीटनाशक घोल बनाने में रसायन की अनुशंसित मात्रा का ही प्रयोग करने की सलाह दी गई है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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