Posted on 31 May, 2016 5:57 pm

प्रदेश में बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिये मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी द्वारा खण्डवा और खरगोन जिले में ताप और जल-विद्युत परियोजनाएँ लगायी जा रही हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद खण्डवा और खरगोन जिले पॉवर हब के रूप में पहचाने जायेंगे।

कम्पनी ने खण्डवा जिले में 2×600 मेगावॉट क्षमता की श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना (प्रथम चरण) की स्थापना की है। सिंगाजी में ही कम्पनी द्वारा ताप विद्युत परियोजना के द्वितीय चरण में 2×600 मेगावॉट क्षमता की इकाइयों का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। खण्डवा जिले में पूर्व से ही 1000 मेगावॉट क्षमता की इन्दिरा सागर जल-विद्युत परियोजना और 520 मेगावॉट क्षमता की ओंकारेश्वर जल-विद्युत परियोजना स्थापित है। इसके अलावा नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा खरगोन जिले में 2×660 मेगावॉट क्षमता की इकाइयों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इन सभी इकाई के पूरा होने पर खण्डवा और खरगोन जिले की कुल स्थापित बिजली क्षमता 5360 मेगावॉट हो जायेगी।

पारम्परिक ऊर्जा स्रोत से गाँव का विद्युतीकरण

प्रदेश में पारम्परिक रूप से विद्युत लाइन का विस्तार कर विद्युतीकरण के लिये एक अप्रैल, 2015 की स्थिति में मात्र 324 ग्राम शेष रह गये थे। इनमें से 181 ग्राम को पारम्परिक रूप से लाइन विस्तार कर विद्युतीकृत किया जा चुका है। शेष 139 ग्राम को भी जून, 2016 तक ऊर्जीकृत कर दिया जायेगा।

खेती के लिये पर्याप्त बिजली

प्रदेश में किसानों को इस वर्ष खेती के लिये पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवायी गयी है। कृषि पम्प उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 10 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 18 प्रतिशत अधिक बिजली आपूर्ति की गयी है। आगामी खरीफ के दौरान किसानों को उनकी माँग के मुताबिक बिजली प्रदाय के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में अधिकतम 10 हजार 861 मेगावॉट विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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