Posted on 08 Aug, 2016 9:05 pm

 

केन्‍द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह का 5 अगस्‍त, 2016 के कोकराझार आतंकी हमले पर बयान 

 

केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 5 अगस्‍त, 2016 के कोकराझार आतंकी हमले पर आज संसद के दोनों सदनों में वक्‍तव्‍य दिया। 

वक्‍तव्‍य का मूल पाठ हिंदी में निम्‍नलिखित है: 

“5 अगस्‍त, 2016 को उग्रवादियों ने कोकराझार के बालाजान तिनाली के साप्‍ताहिक बाजार पर हमला किया। सुबह 1130 बजे उग्रवादी आर्मी की वर्दी में आये व साप्‍ताहिक बाजार में जमी भीड़ पर हमला बोल दिया। उग्रवादियों ने पहले कुछ घरों वे दुकानों में आग लगा दी जिससे कि इलाके में आग फैल गयी व इसके बाद अंधाधुंध गोली चलाकर लोगों को मारा। 

इस हमले में 14 व्‍यक्‍ति, जिसमें 8 बोडो, एक महिला व एक बालक शामिल है, की मृत्‍यु हो गयी। 19 व्‍यक्‍ति गंभीर रूप से घायल हुए, जिनका इलाज जिले व प्रांत की राजधानी के अस्‍पतालों में चल रहा है। स्‍थानीय पुलिस व सुरक्षा बलों ने बिना समय गवाये हमलावरों के खिलाफ कार्यवाही की व एक उग्रवादी को मार गिराया, जिसकी पहचान अभी होनी है। 

मृत उग्रवादी से एक ए.के.-56 राइफल, 2 मैगजीन, एक हथगोला व इलैक्‍ट्रोनिक साज सामान मिले हैं। हमले में शामिल उग्रवादियों की संख्‍या व उग्रवादी संगठन की अभी पहचान होनी बाकी है। 

राज्‍य सरकार ने इस हमले के खिलाफ तीव्र कार्यवाही की। हमले में घायल व्‍यक्‍तियों को सबसे अच्‍छी चिकित्‍सा सुविधा प्रदान की जा रही है। वहीं हमले में मृत लोगों के निकट संबंधियों को 5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख व सामान्‍य रूप से घायलों को 20 हजार रूपये प्रदान किये गए हैं। इस हमले की घटना के लिए एक आपराधिक मामला कोकराझार पुलिस स्‍टेशन में दर्ज कर इस हमले के सभी पहलुओं की जांच पड़ताल की जा रही है। 

मैं इस उग्रवादी हमले, जिसमें निर्दोष लोग मारे गए हैं, कि कड़े शब्‍दों में निंदा करता हूं और मृत व्‍यक्‍तियों के परिवारजनो के प्रति इस दु:ख की घड़ी में अपनी सांत्‍वना प्रकट करता हूं। ईश्‍वर से प्रर्थना है कि इस संकट की घड़ी में वह इनका साथ दे व इस दु:ख को सहने की शक्‍ति दे। 

मैंने असम सरकार व सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि वे इस उग्रवादी घटना में शामिल उग्रवादियों को जल्‍द से जल्‍द ढूंढ निकालें व उनको इस घोर अपराध के लिए कड़ी से कड़ी सजा प्रदान करने में मदद करें।” 

 

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India