Posted on 01 Oct, 2018 6:06 pm

 

किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि किसानों को बिचौलियों के शोषण से बचाने, समयावधि में उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और विपणन की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने में मंडी समितियों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कृषि उपज मंडियों से आग्रह किया कि परिसरों में बेहतर सुविधाएँ और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ाकर किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करें। किसान कल्याण मंत्री श्री बिसेन आज भोपाल के समन्वय भवन में उत्कृष्ट उपज मंडी के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

किसान कल्याण मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि पिछले डेढ़ दशक में मध्यप्रदेश में किसानों के हितों में महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं। किसानों को कृषि कार्य के लिये जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धि के लिये लगातार 5 वर्षों से प्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड मिल रहा है। किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के लिये रोडमेप बनाकर तेजी से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना की चर्चा करते हुए किसान कल्याण मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिले, इसके लिये उन्हें राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी गयी है।

किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि बाजार हस्तक्षेप दर के अनुसार किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिये राज्य सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये की लागत से मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने कृषि उत्पाद लागत और विपणन की बेहतर सुविधाओं के लिये मध्यप्रदेश कृषि उत्पाद लागत और विपणन आयोग का गठन किये जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि ई-नाम केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना में अब तक प्रदेश की 58 कृषि उपज मण्डियों को राष्ट्रीयकृत बाजार से जोड़ दिया गया है। कार्यक्रम को किसान कल्याण तथा कृषि विकास राज्य मंत्री श्री बालकृष्ण पाटीदार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड श्री फैज अहमद किदवई ने मण्डी पुरस्कार योजना के संबंध में जानकारी दी।

मुख्य अतिथि ने उल्लेखनीय कार्य करने वाली मण्डियों को वर्ग के अनुसार पुरस्कृत किया। क-वर्ग श्रेणी की मण्डियों में इंदौर, कटनी, उज्जैन और छिन्दवाड़ा को 4-4 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी गयी। ख-वर्ग श्रेणी में सिवनी, बुरहानपुर, भोपाल जिले की बैरसिया, दतिया और रायसेन की मण्डी को पुरस्कृत किया गया। ग-वर्ग श्रेणी की मण्डी में छतरपुर जिले की राजनगर, धार जिले की राजगढ़, छिन्दवाड़ा जिले की चौरई और होशंगाबाद जिले की सेमरीहरचंद मण्डी को पुरस्कृत किया गया। घ-वर्ग की श्रेणी में सीहोर जिले के श्यामपुर, छिन्दवाड़ा जिले के अमरवाड़ा, छतरपुर जिले के लवकुश नगर, मंदसौर जिले के शामगढ़ और रीवा जिले की कृषि उपज मण्डी समिति बैकुंठपुर को पुरस्कृत किया गया। ई-नाम प्रोजेक्ट की श्रेणी में इटारसी, सतना और होशंगाबाद जिले के पिपरिया को पुरस्कृत किया गया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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