Posted on 22 Apr, 2017 4:43 pm

भोपाल : शनिवार, अप्रैल 22, 2017, 16:37 IST
 

प्रदेश को लगातार पाँचवीं बार कृषि कर्मण अवार्ड मिलने पर किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने प्रदेश नेतृत्व, किसानों एवं कृषि अमले को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में देश के सर्वोच्च सम्मान को पाना प्रदेश के किसानों के अथक परिश्रम, विभागीय अमले के सार्थक प्रयासों एवं प्रदेश सरकार के कृषकों के हित में उठाये गये सार्थक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कृषि उत्पादक आयुक्त श्री पी.सी.मीना, प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा, संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री मोहनलाल, संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री राजीव चौधरी, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड श्री राकेश श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक बीज एवं फार्म विकास निगम श्री विनय कुमार बर्मन, प्रबंध संचालक बीज प्रमाणीकरण संस्था श्री के.एस. टेकाम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर से ग्राम स्तर तक कठिन परिस्थितियों में भी कृषि अधिकारी एवं कर्मचारी किसानों तक शासन की योजनाएँ एवं आधुनिक तकनीक की जानकारियाँ पहुँचा रहे हैं।

लगातार पाँच वर्षों से मिल रहा है कृषि कमर्ण अवार्ड

प्रदेश को लगातार पाँच वर्षों से देश का सर्वोच्च कृषि अवार्ड मिल रहा है। वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में खाद्यान्न उत्पादन श्रेणी में, वर्ष 2013-14 में गेहूँ उत्पादन के क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में पुन: खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में और वर्ष 2015-16 में एक बार फिर से गेहूँ के क्षेत्र में कृषि कर्मण अवार्ड मिला है। इस प्रकार गेहूँ एवं अन्य अनाज फसलों तथा दलहन उत्पादन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश पूरे देश में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित हो चुका है। गेहूँ के उत्पादन में पिछले दस वर्षों में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। वर्ष 2007-08 में 67 लाख 37 हजार मीट्रिक टन की तुलना में 2015-16 में 184 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है। गेहूँ की उत्पादकता एवं उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। गेहूँ की उत्पादकता में एक दशक में दोगुनी वृद्धि हुई है।

किसानों की आय दोगुनी करने के शासन के नवाचार

आगामी पाँच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में देश में सर्वप्रथम मध्यप्रदेश ने रोडमेप तैयार कर क्रियान्वयन शुरू कर दिया है। 14 अप्रैल से 2 मई 2017 तक पूरे प्रदेश में कृषि महोत्सव तथा ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के अन्तर्गत कृषि एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादन तथा इससे संबद्ध अन्य उद्योगों जैसे मुर्गी पालन, दुग्ध उत्पादन, मछली पालन आदि की उन्नत तकनीकों का प्रचार-प्रसार किसान रथों के माध्यम से गाँव-गाँव में किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीण विकास से संबंधित सभी योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों को दी जा रही है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना, होलीस्टिक फार्म विकास, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण जैसे कई नवाचार किसानों की आय दोगुनी करने हेतु किये जा रहे हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश