Posted on 29 May, 2018 6:19 pm

 

मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर कम करने के प्रयासों में पोषण पुनर्वास केन्द्र महती भूमिका निभा रहे हैं। अति कुपोषित, कुपोषित और कमजोर बच्चों को इन केन्द्रों में भर्ती कर पूर्ण उपचार के बाद घर भेजा जा रहा है। बच्चों को डिस्चार्ज करने बाद भी उनके घर जाकर लगातार फॉलोअप, साफ-सफाई और पोषण आहार की समझाईश दी जाती है।

डिण्डोरी जिला चिकित्सालय में स्थापित पोषण पुनर्वास केन्द्र में मिले उपचार से 3 वर्षीय सृष्टि अब स्वस्थ हो गई है। सृष्टि को 14 दिन के लिये पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया गया था। उस दौरान नियमित उपचार और पोषाहार से सृष्टि के स्वास्थ्य में काफी अन्तर दिखने लगा। सृष्टि का वजन 7 किलो 300 ग्राम से बढ़कर 7 किलो 640 ग्राम हो गया। डिस्चार्ज होने के बाद से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता संगीता मासूम सृष्टि के खानपान, पालन-पोषण, वजन, स्वास्थ, स्वच्छता आदि पर निगरानी रख रही है। सृष्टि के स्वास्थ में सुखद बदलाव को देखकर माता-पिता की चिंता इत्मीनान में बदल गई है।

स्वस्थ हो रहा है हरीशचन्द्र: डिण्डोरी के गणेशपुर का हरीशचन्द्र पोषण पुनर्वास केन्द्र में 14 दिन के इलाज के बाद सामान्य बच्चों की तरह खेलने लगा है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा उसके खानपान, वजन, उपचार, स्वास्थ्य आदि पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।

खुशबू भी हो रही है स्वस्थ : पोषण पुनर्वास केन्द्र में उपचार के बाद डिण्डौरी जिले के ग्राम मडियारास की खुशबू भी अति गंभीर कुपोषित अवस्था से बाहर आ गई है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता बिन्दु ठाकुर खुशबू के पालन-पोषण, वजन, नियमित दिनचर्या, स्वास्थ्य का खुद ध्यान रखने के साथ माता-पिता को भी समझाईश दे रही है।


सक्सेस स्टोरी (डिण्डोरी-3)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश