Posted on 03 Jun, 2017 7:33 pm

भोपाल : शनिवार, जून 3, 2017, 18:56 IST
 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसान केवल खेती पर निर्भर ही नहीं रहे। इसके लिये उन्हें दुग्ध उत्पादन के व्यवसाय के लिये प्रशिक्षित किया जायेगा। श्री चौहान ने आज महाराष्ट्र के पिंपलगाँव के एशिया की सबसे बड़ी गौशाला तथा अम्बेगाँव तहसील के मनसर गाँव स्थित पराग मिल्क फूड प्रायवेट लिमिटेड के दुग्ध संयंत्र का निरीक्षण करते हुए यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसान खेती-किसानी के उत्पादन के साथ-साथ दुग्ध व्यवसाय से भी जुड़ेंगे। इसके लिये उन्हें पराग मिल्क फूड प्रायवेट लिमिटेड द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा। सक्षमता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर किसानों को शासन के सहयोग से खेती-किसानी के साथ दुग्ध व्यवसाय आरंभ करने के लिये हरसंभव सहायता दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने डेरी विभाग के अधिकारियों को इसकी रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों को खेती के अलावा फलों के उत्पादन से लाभांवित करने के लिये आर्थिक सहायता देने का ‍निर्णय लिया गया है। किसानों को अपने खेतों में फलदार वृक्ष लगाने पर आर्थिक सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिये अधिक से अधिक पौध-रोपण तथा नर्मदा नदी को प्रदूषण से मुक्त करने के लिये दो जुलाई को 6 करोड़ पौधे नर्मदा के दोनों तट पर लगाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने पराग दुग्ध संयंत्र का भी निरीक्षण किया और दुग्ध उत्पाद जैसे बटर, पनीर, चीज, दही, सुगंधित दूध व छाछ के संयंत्र का निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की।

एशिया की सबसे बड़ी गौशाला

महाराष्ट्र के पिंपलगाँव में एशिया की सबसे बड़ी गौशाला भाग्यलक्ष्मी स्थित है। इसमें लगभग 3 हजार गायों का तकनीकी तौर पर दिन में 3 बार दूध निकाला जाता है, जिसकी प्रतिदिन आवक 20 से 25 हजार लीटर है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भाग्यलक्ष्मी गौशाला में गोबर गैस, आर्गेनिक खाद, विशिष्ट चारा प्रक्रिया तथा नवीन बछड़े के संगोपन और संवर्धन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने दुग्ध उत्पादन के बोतल संयंत्र तथा उसकी विशिष्ट विक्रय की प्रक्रिया को भी समझा।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश