Posted on 20 Nov, 2016 1:33 pm

भोपाल : रविवार, नवम्बर 20, 2016, 13:27 IST
 

किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कृषि विभाग के नव-नियुक्त अधिकारियों से कहा है कि वे किसानों के मित्र बनकर खेती को समृद्ध बनाने और किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प लें। श्री बिसेन राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान में नव-नियुक्त सहायक संचालकों के दो माह के प्रशिक्षण का समापन कर रहे थे।

कृषि मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले 11 वर्ष में कृषि क्षेत्र में काफी समृद्धि आयी है। किसानों के हालात सुधरे हैं। खेती करना अब आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि देश को लगातार कृषि कर्मण अवार्ड और हाल ही में एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड प्राप्त हुआ है। प्रदेश की कृषि विकास दर 20 प्रतिशत है। प्रदेश की जीडीपी 10.5 प्रतिशत है, जिसमें कृषि का योगदान 5 प्रतिशत है, जो लगभग आधा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है, जहाँ सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 50 प्रतिशत है। यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के अथक प्रयासों से। कृषि मंत्री ने कहा कि अभी हमारा अभियान समाप्त नहीं हुआ है। कृषि में विकास की संभावनाएँ अभी और बाकी हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक नया लक्ष्य दिया है वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का। श्री बिसेन ने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के तत्काल बाद प्रदेश में इस दिशा में प्रयास भी शुरू हो गये। मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है, जिसने सबसे पहले अगले पाँच साल में किसानों की आय को दोगुना करने का रोड-मेप तैयार कर लिया है।

श्री बिसेन ने कहा कि कृषि क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों और किसानों की आय दोगुना करने के संकल्प से अब हमारी जिम्मेदारी बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसान-कल्याण की योजनाओं को किसानों तक पहुँचाने के साथ ही उनकी आय दोगुनी करने में जुट जायें। उन्होंने कहा कि नये अधिकारी ऐसे विभाग का हिस्सा बने हैं, जिसकी प्रदेश-देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका है। इस जिम्मेदारी के अहसास के साथ वे टीम-वर्क के साथ काम करें। इससे बेहतर परिणाम जल्दी मिलते हैं। उन्होंने कहा कि जन-प्रतिनिधियों का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि आज कृषि क्षेत्र में नई तकनीक आयी है, जिसका इस्तेमाल करने के लिये किसानों को प्रेरित किया जाये। फसल चक्र परिवर्तन अपनाने में किसानों को समझाइश दें। कम लागत पर किस मौसम में कौन-सी खेती करें, इसमें किसानों का मार्गदर्शन करें। श्री बिसेन ने कहा कि कृषि के साथ और कई विभाग जुड़े हैं। इन विभागों के साथ समन्वय रखें और उसके जरिये किसानों को अन्य लाभ भी दिलवायें। हमारे कृषि वैज्ञानिकों ने कई समृद्ध प्रजातियाँ विकसित की हैं। इनका लाभ किसानों को मिले, इसे भी सुनिश्चित करें।

संस्थान के संचालक ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी दी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश