Posted on 05 Apr, 2018 3:30 pm

प्रदेश में प्रमुख कृषि फसलें गेहूँ, चना, मसूर, सरसों एवं धान की उत्पादकता बढ़ाने और फेयर एवरेज क्वालिटी (एफ.ए.क्यू) गुणवत्ता उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना शुरू की गई है। योजना में खरीफ 2016 में धान और रबी 2016-17 में गेहूँ की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्राथमिक साख सहकारी समितियों के माध्यम से ई-उपार्जित मात्रा पर 200 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि किसान के बैंक खाते मे जमा करवायी जाएगी। इसके साथ ही रबी 2017-18 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जित कराने वाले किसानों के खाते में 265 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि जमा करवायी जायेगी। यह राशि इस वर्ष 15 मार्च से 26 मई तक गेहूँ बेचने वाले किसानों के खाते में जमा करवायी जाएगी। इसके अलावा रबी सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों उपार्जित कराने वाले किसानों को 100 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि किसानों के खाते में जमा करवायी जायेगी।

योजना के क्रियान्वयन के लिये जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित किये जाने के निर्देश दिये गए हैं। प्रमुख सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास डॉ. राजेश राजौरा ने जिला कलेक्टर्स को पत्र लिख कर योजना के क्रियान्वयन संबंधी निर्देश दिये हैं। क्रियान्वयन समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, अतिरिक्त कलेक्टर राजस्व, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएँ, जिला खाद्य अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम और जिला प्रबंधक मार्कफेड को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। समिति में सदस्य सचिव उप-संचालक किसान-कल्याण तथा कृषि विकास को बनाया गया है।

किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि कृषि उत्पाद मण्डी में न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बेचा गया हो अथवा न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर बेचा गया हो, दोनों ही स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का लाभ पंजीकृत किसानों को दिया जायेगा। रबी 2016-17 में गेहूँ तथा खरीफ 2017 में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य ई-उपार्जित कराये गये समस्त किसानवार डाटाबेस का सत्यापन एवं प्रमाणीकरण के बाद जानकारी संचालक किसान-कल्याण को उपलब्ध करवायी जायेगी। सत्यापित डाटाबेस के आधार पर 200 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि जिलों को उपलब्ध करवायी जायेगी।

कलेक्टर की अध्यक्षता वाला समिति किसानों के डाटाबेस का परिक्षण कर पुष्टि करेगी। इसके बाद किसानों के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि जमा करवायी जायेगी। इसकी सूचना किसानों को मोबाईल पर एसएमएस से दी जायेगी। लाभान्वित किसानों के सत्यापित बैंक खाते में गड़बड़ी हो जाने पर अथवा किसी विवाद की स्थिति में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति स्थानीय जाँच के बाद 15 दिन के भीतर किसान के नवीन प्रमाणीकृत बैंक खाते में योजना की राशि जमा करवायी जायेगी।

मुख्यमंत्री समृद्धि योजना में किसानों की संतुष्टि के आंकलन के लिये अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा आंकलन सर्वेक्षण भी करवाया जायेगा।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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