Posted on 13 Mar, 2018 4:45 pm

 
भोपाल : मंगलवार, मार्च 13, 2018, 13:52 IST

 

प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये उन्हें परम्परागत खेती के साथ-साथ सब्जी की खेती करने के लिये भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसान हितैषी योजनाओं से लाभ लेकर किसानों ने सब्जी की खेती को अपनाना शुरू कर दिया है, इससे उनकी आमदनी में भरपूर इजाफा भी हो रहा है।

भिण्ड जिले के गोहद के किसान नारायण सिंह बाथम वर्षों से अपने परिवार का भरण-पोषण परम्परागत खेती से करते आ रहे हैं। इनकी कृषि से होने वाली आमदनी पिछले कुछ वर्षों से स्थिर-सी हो गई थी। आमदनी को लेकर उनकी चर्चा किसान कल्याण एवं कृषि विकास अधिकारी से हुई। विभाग के मैदानी अमले ने उन्हें आत्मा परियोजना के अन्तर्गत सब्जी की खेती करने की सलाह दी। उन्हें इसके लिये प्रशिक्षण भी दिया गया। किसान नारायण सिंह बाथम ने लाइट ट्रेप विधि से सब्जी की खेती शुरू की। उन्होंने खेत में प्याज, बेगन और लौकी भी लगाई। बीडर से निंदाई-गुढ़ाई की, तो सब्जी की पैदावार में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई। सब्जी की उत्पादकता बढ़ने के कारण उन्हें 50 हजार रुपये का पुरस्कार भी राज्य सरकार की ओर से मिला।

लगातार सफलता मिलने से किसान नारायण सिंह ने 1.40 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज लगाई। इससे उन्हें करीब 6 लाख रुपये का मुनाफा हुआ। नारायण सिंह कृषि तकनीक का प्रशिक्षण लेने पंजाब का भ्रमण भी कर चुके हैं। वे आत्म विश्वास से कहते हैं कि कृषि में आधुनिक तकनीक को अपनाकर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है।

झाबुआ जिले का खवासा पेटलावद क्षेत्र टमाटर, प्याज और उद्यानिकी फसलों के लिये जाना जाता है। इसी क्षेत्र के किसान सुरेश ने प्याज और टमाटर की खेती सफलतापूर्वक करके अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। किसान सुरेश ने प्याज की फसल प्रणाली में बदलाव किया है। इस बदलाव की वजह से उनके खेत में प्याज की पैदावार अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है। अधिक पैदावार से प्याज के भंडारण की समस्या भी आ गई। भंडार के संबंध में उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से चर्चा की तो प्याज भंडार गृह निर्माण की योजना की जानकारी मिली। अनुदान राशि के साथ उन्होंने भंडार गृह का निर्माण किया। पिछले वर्ष प्रदेश में प्याज के बम्पर उत्पादन के कारण प्याज के भाव गिर गये। ऐसे वक्त उन्होंने अपने खेत में हुई प्याज का भंडारण किया। इसके साथ ही क्षेत्र के अन्य किसानों ने भी उनके भंडार गृह का उपयोग किया। सुरेश बताते हैंकि उन्होंने 500 क्विंटल प्याज 800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेचा था। इसकी वजह से उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हुआ।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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