Posted on 02 Mar, 2019 5:57 pm

 

राज्य शासन ने विपणन सहकारी संस्थाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और व्यवसाय उन्नयन के लिये पहल की है। इसके लिये सूचना प्रौद्योगिकी आधारित उपायों को व्यापक रूप से अमल में लाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में कृषि और सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञों, कृषकों और प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष विशेष प्रेजेन्टेशन दिया जायेगा। इसके लिये भोपाल के इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेन्टर 'द मिन्टो हॉल' में 5 मार्च को कार्यशाला की जा रही है। विपणन संघ द्वारा किसानों को विपणन संस्थाओं के जरिये कृषि उद्यमी बनाने का विचार है। इसे क्रियान्वित करने के लिये कार्यशाला में सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की जायेगी।

प्रदेश में कृषि व्यापार मोबाइल ऐप के माध्यम से किसानों को विभिन्न उत्पादों का उचित मूल्य दिलवाने के लिये भी मार्कफेड ने कार्य-योजना तैयार की है। सहकारी विपणन समितियों को अपने सदस्य किसानों से सोर्सिंग के माध्यम से कुल कृषि उपज का विपणन करने में सक्षम बनाने के लिये यह पहल की गई है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ इस मोबाइल ऐप की रूपरेखा प्रस्तुत करने के लिये कार्यशाला में किसान समृद्धि कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया जायेगा। इसके अन्तर्गत विपणन संघ के कैश काउन्टर के उन्नत तरीके से संचालन, प्रदेश स्तर पर ब्राँड रिटेल स्टोर्स का नेटवर्क तैयार करना, किसानों को उन्नत किस्म के खाद और बीज मुहैया कराने, किसानों को किसान समृद्धि केन्द्र के माध्यम से उत्पादों को ऑनलाइन डिलीवरी से जोड़ने और विपणन संघ के पास उपलब्ध 50 से अधिक एग्री साल्यूशन सेन्टर्स को कृषि समृद्धि केन्द्रों के रूप में स्थापित करने का कार्य किया जायेगा।

प्रदेश में 240 सहकारी विपणन समितियाँ किसानों के हित में कार्य कर रही हैं। किसानों के लिये बेहतर मूल्य की खोज के लिये डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफार्म और कमोडिटी एक्सचेंज के उपयोग पर विचार किया जा रहा है। इसे मूर्तरूप में परिणित करने से किसानों की क्षमताओं को उन्हें खुदरा बाजारों के साथ एकीकृत करने में मदद मिलेगी। कृषि उत्पाद आपूर्ति श्रंखला की संरचना के लिये किसानों और विपणन समितियों के बीच निर्बाध संचार के लिये एक सक्षम डिजिटल मंच की जरूरत देखते हुए यह पहल की गई है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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