Posted on 30 May, 2016 7:43 pm

किसानो को सलाह दी गई है कि वे अन्तवर्तीय फसल पद्धति अपनाकर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। इस पद्धति में एक ही खेत मे दो या दो से अधिक प्रकार की फसलें अलग-अलग कतारो में बोई जाती है इस पद्धति में इस प्रकार की फसलें बोई जाती है जो उत्पादन वृद्धि मे परस्पर एक दूसरे की सहायक हो। इसमे तिल-मूंग, तिल-उड़द, मक्का-सोयाबीन, सोयाबीन-अरहर, सोयाबीन-मूंग, उड़द, चौड़ा, अरहर-उड़द आदि फसलो की बोनी की जा सकती है। अन्तवर्तीय पद्धति से फसल करने पर फसलों की सुरक्षा होती है। इसमें लगने वाले कीट एवं बीमारियों से बचा जा सकता है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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