Posted on 18 Sep, 2018 5:32 pm

 

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के काउंसलर और एम.टी.पी. प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारियों के लिये पॉक्सो एक्ट, एम.पी.टी. एक्ट और यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य आदि पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम शुरू हुआ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा आईपास डेवलपमेंट फाउण्डेशन के तकनीकी सहयोग से होने वाले दो-दिवसीय कार्यक्रम में संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ. जे.एन. मिश्रा ने कहा कि सकल प्रजनन दर में कमी लाने के लिये किशोर-किशोरियों को यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य की जानकारी आवश्यक है। जानकारी होने से युवा वर्ग प्रजनन स्वास्थ्य के विकल्पों और परिवार कल्याण साधनों का बेहतर चुनाव कर सकते हैं।

उप संचालक, मातृ स्वास्थ्य डॉ. अर्चना मिश्रा ने कहा कि महिला स्वास्थ्य शासन की प्राथमिकता में शामिल है। इसका मुख्य उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर और सकल प्रजनन दर में कमी लाना है। इसके लिये जीवन-चक्र पर आधारित रणनीति अपनाई गई है, जिसमें शिशु, बाल एवं पोषण तथा किशोर स्वास्थ्य शामिल हैं। मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत महिला स्वास्थ्य शिविर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना और स्वास्थ्य संबंधी सजगता प्रदान करना है। आईपास डेवलपमेंट फाउण्डेशन पिछले 11 वर्षों से प्रदेश में मातृ स्वास्थ्य अंतर्गत सुरक्षित गर्भपात सेवा उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये प्रयासरत हैं। पॉक्सो एक्ट को लेकर कई प्रशिक्षित चिकित्सकों में सुरक्षित गर्भपात सेवा देने में संकोच किया जा रहा है। इस कार्यशाला में पॉक्सो एक्ट तथा एमटीपी एक्ट के संबंध में चिकित्सकों एवं काउंसलर्स का उन्मुखीकरण आईपास डेवलपमेंट फाउण्डेशन के तकनीकी सहयोग से किया जा रहा है। आईपास डेवलपमेंट फाउण्डेशन निरंतर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान कर रहा है एवं किशोरियों में जागरूकता के लिये राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में अपना तकनीकी सहयोग प्रदान करने का सराहनीय प्रयास किया है।

एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, आईपास डेवलपमेंट फाउण्डेशन, दिल्ली के श्री विनोद मैनिंग ने कहा कि देश में युवा वर्ग, विशेषकर किशोरियों के बीच यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा उससे संबंधित अधिकारों के विषय में जानकारी का अभाव है। सेवा संबंधी व्यवहार, किशोरी महिलाओं के लिये यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य की जानकारी तथा सेवा तक पहुँच में बाधा उत्पन्न करते हैं। इस वर्ग के प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी तथ्यों को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत किशोरियों की यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों की वर्तमान जानकारी को ध्यान में रखते हुए पीयर एजूकेटर/परामर्शदाताओं के लिये एक पुस्तिका निर्मित की गई है, जो एक महत्वपूर्ण स्रोत का कार्य करेगी। पीयर एजूकेटर/परामर्शदाता आवश्यक प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य तथा अधिकारों की जानकारी किशोरियों को प्रदान करेंगे। इससे युवा महिला स्वास्थ्य सेवाओं का उचित उपयोग कर सकेंगी। समुदाय में युवा वर्ग की यौन एवं प्रजनन समस्या, गर्भपात से संबंधित समस्याएँ आदि को सुलझाने में सहायक होंगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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