Posted on 09 May, 2017 12:04 pm

 

खेलों को सम्मानजनक दर्जा देना अवश्यक
प्राइमरी स्तर से स्कूलों में खेल को विषय के रूप में जोड़े
रेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने किया राज्य-स्तरीय कार्यशाला का उदघाटन 

 

भोपाल : मंगलवार, मई 9, 2017, 17:48 IST
 

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय खेलों को बेहतर दिशा देने के लिए गठित ओलम्पिक टास्क फोर्स एक सराहनीय पहल है। टास्क फोर्स 2020, 2024 तथा 2028 में होने वाले अगले तीन ओलम्पिक खेल में भारतीय खिलाड़ियों की प्रभावी भागीदारी के लिए उपायों, सुझावों सहित व्यापक कार्य-योजना तैयार करेगा। श्रीमती सिंधिया आज प्रशासन अकादमी में नेशनल डायलॉग ऑन ओलम्पिक टास्क फोर्स कार्यशाला को संबोधित कर रही थी।

इतना जुनून इतनी ऊर्जा नहीं देखी

एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में नई दिल्ली से आए ओलम्पिक टास्क फोर्स के सदस्य श्री ओम पाठक और श्री बलदेव सिंह ने खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया की मुक्त-कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमने 22 राज्यों में दौरा किया, म.प्र. 23 वाँ राज्य है कहीं भी हमने इतने जुनून और ऊर्जा से कार्य करने वाले मंत्री को नहीं देखा।

श्रीमती सिंधिया ने कहा कि खेलों को सम्मानजनक दर्जा दिया जाना आवश्यक है और यह एक शुरूआत है। टास्क फोर्स के गठन से भविष्य में प्रशिक्षकों तथा खिलाड़ियों की समस्याओं का निदान हर स्तर पर पारदर्शिता से होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आज मध्यप्रदेश जहाँ कृषि क्षेत्र में 5 वीं बार कृषि कर्मण अवार्ड से सम्मानित हुआ है वहीं प्रदेश के खिलाड़ियों ने भी राज्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।

खेल मंत्री श्रीमती सिंधिया ने कहा कि खेलों के प्रति मानसिकता को बदला जाना जरूरी हो गया है। इसके लिये प्रायमरी स्तर पर स्कूलों में खेल को विषय के तौर पर शामिल करना चाहिए। मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में अब मॉडल स्टेट बन रहा है और हमारा लक्ष्य (छूऐंगे आसमान) अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चरितार्थ हो रहा है।

ओलम्पिक टास्क फोर्स के समन्वयक श्री ओम पाठक ने कहा कि जैसे विदेशों में मैदान को क्लास-रूम की संज्ञा दी जाती है वैसे ही स्कूल शिक्षा और खेल विभाग को एक तारतम्य में आगे बढ़ना होगा। खेल में 'रिस्क ऑफ फेलियर'' ज्यादा है परन्तु रिवार्ड कहीं ज्यादा मिलता है। असफलता कम्पीटिशन की भावना को और बढ़ाती है।

अंतर्राष्ट्रीय हॉकी कोच श्री बलदेव सिंह ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए ईमानदारी से मेहनत और जुनून की जरूरत है। सचिव खेल एवं युवा कल्याण श्री सचिन सिन्हा ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से हर स्तर पर खिलाड़ियों को ढूंढ कर तराशने की आवश्यकता है। संचालक, खेल एवं युवा कल्याण श्री उपेन्द्र जैन ने स्पोर्टस साइंस को बढ़ावा देने की बात कहते हुए कहा कि लंबी दूरी की राजनिति यह है कि हमें खेलों में बेहतर परिणाम पाने के लिए वैज्ञानिक आधार पर खिलाड़ियों की जरूरत को पहचान कर उनकी प्रदर्शन क्षमता, स्पोर्टस बायो मेकेनिज्म, पुनर्वास, कोचिंग डेवलपमेंट प्रोग्राम आदि पर काम करना होगा। इस अवसर पर संचालक स्कूल शिक्षा सुश्री अंजू भदौरिया उपस्थित थे। स्कूल शिक्षा, खेल विभाग के अधिकारियों और खिलाड़ियों ने अपने-अपने सुझाव रखे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश