Posted on 15 Sep, 2018 6:42 pm

 

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही-एल- कान्ता राव ने एम-सी-एम-सी एवं मीडिया सेल के नोडल अधिकारियों की प्रशासन अकादमी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में कहा कि निर्वाचन के दौरान पेड न्यूज को चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा। इसके अंतर्गत राजनैतिक दलों, प्रत्याशियों द्वारा जारी किये गये और बेनाम जारी किये गये विज्ञापनों तथा समाचार को भी संज्ञान में लेकर उन पर कार्यवाही की जाएगी। एम-सी-एम-सी और मीडिया सेल सभी घटनाओं पर पैनी निगाह रखें। किसी भी प्रत्याशी के समर्थन अथवा विपक्ष में जारी होने वाली प्रत्येक खबर को संवेदनशीलता के साथ देखें और उनका आकलन करें।

श्री कान्ता राव ने कहा कि आगामी विधानसभा निर्वाचन-2018 में मीडिया और सभी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में जारी होने वाले प्रत्येक समाचार, विचार, घटना, वीडियो, जिंगल, रेडियो एवं एफएम चैनलों पर प्रसारित होने वाले ओडियो और सार्वजनिक स्थानों पर एलईडी, मोबाईल वैन से प्रसारित होने वाले प्रत्येक विजुअल की मॉनिटिरिंग की जाये और उस पर संज्ञान लेकर त्वरित कार्यवाही की जाये। श्री राव ने कहा कि विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की व्यय सीमा 28 लाख रूपये है और प्रत्याशी को प्रत्येक 3 दिन में चुनाव खर्च आयोग को उपलब्ध कराना होगा।

प्रशिक्षण कार्यशाला में भारत निर्वाचन आयोग के अवर सचिव श्री पवन दीवान ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार हर समय इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित होने वाले प्रत्येक विज्ञापन का प्री-सर्टिफिकेशन होना अनिवार्य है। इलेक्ट्रानिक माध्यम में टी.वी. चैनलों पर प्रसारित विज्ञापन, सोशल मीडिया, बल्क मैसेज, बल्क वाईस मैसेज, ऑडियो-वीडियो डिस्पले आदि में भी यदि इलेक्ट्रानिक डिस्पले का उपयोग होता है़ तो उसको भी चुनाव खर्च में जोड़ा जायेगा। प्रशिक्षण कार्यशला में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजेश कौल, अपर कलेक्टर श्री आर.के. तिवारी ने भी प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के एम-सी-एम-सी- और मीडिया सेल के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​

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