Posted on 29 Jun, 2018 7:13 pm

मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना 2018 में पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को घरेलू बिजली कनेक्शन मात्र 200 रूपए प्रतिमाह की दर से प्रदान करने के लिए लागू स्कीम प्रदेश में एक जुलाई  से शुरू होगी। इसका बिल अगस्त में देय होगा। स्कीम के तहत घर में बल्ब, पंखा एवं टीवी चलाने के लिए प्रारंभिक रूप से बिलिंग खपत अधिकतम 100 यूनिट तक रखी जाएगी। स्कीम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत श्रमिकों द्वारा आवेदन पत्र भरकर विद्युत वितरण कंपनी के निकटतम कार्यालय या आयोजित हो रहे कैम्प में जमा करना होगा।

स्कीम में स्व-घोषणा आवेदन पत्र के आधार पर सरल बिजली बिल स्कीम का लाभ दिया जाएगा। लाभ श्रम विभाग में पंजीयन की वैधता जारी रहने तक उपलब्ध होगा। यदि कोई पात्र हितग्राही, विद्युत उपभोक्ता (अर्थात् जिस व्यक्ति के नाम विद्युत कनेक्शन है) के परिवार का सदस्य है एवं उपभोक्ता के साथ ही निवासरत है, तो ऐसे विद्युत संयोजन पर भी सरल बिजली बिल स्कीम का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए उपभोक्ता का नाम परिवर्तन आवश्यक नहीं होगा। ऐसे प्रकरण में परिवार का सदस्य उन्हीं व्यक्तियों को माना जाएगा, जिनके नाम समग्र डाटाबेस में एक परिवार के रूप में अंकित है।

यदि किसी पात्र हितग्राही के निवास स्थान का विद्युत कनेक्शन उसके नाम पर न होकर किसी अन्य के नाम पर है तथा पात्र हितग्राही ऐसा संयोजन अपने नाम करवाना चाहता है, तो विद्युत वितरण कंपनी वांछित प्रक्रिया की जानकारी देकर सहायता और मार्गदर्शन करेगी। एयर कंडिशनर, हीटर का उपयोग करने वाले उपभोक्ता तथा 1000 वाट से अधिक संयोजित भार वाले उपभोक्ता स्कीम के लिए अपात्र होंगे।

मीटर जहां स्थापित हों, वहां मीटर से रीडिंग करते हुए बिल की गणना की जाएगी । ग्रामीण क्षेत्रों में 500 वाट तक संयोजित भार वाले अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2018-19 के टैरिफ आर्डर में निर्धारित श्रेणी एलवी 1.2 की उपश्रेणी (ii) के अनमीटर्ड संयोजन के लिए लागू दर से बिलिंग की जाएगी। पाँच सौ वाट से अधिक संयोजित भार वाले उपभोक्ताओं की विद्युत नियामक आयोग के प्रचलित विनियम के अनुसार बिलिंग की जाएगी।

शहरी क्षेत्रों में स्थापित मीटर की रीडिंग जारी रहेगी एवं आयोग के मौजूदा टैरिफ के अनुसार मीटर में अंकित खपत के आधार पर उपभोक्ता बिल की गणना की जाएगी। मीटर खराब होने या उपलब्ध न होने पर बिल की गणना की जाएगी। वितरण कंपनी द्वारा आयोग के निर्धारित मापदण्ड के अतिरिक्त कोई भी आंकलित यूनिट बिल में नहीं जोड़े जाएंगे।

इन कंडिकाओं के अंतर्गत दिए गए बिल के विरूद्ध उपभोक्ता से प्रतिमाह मात्र 200 रूपए अथवा विगत एक वर्ष का मासिक औसत बिल, जो भी कम हो, का भुगतान प्राप्त किया जाएगा, जबकि विद्युत अधिनियम के अनुसार शेष राशि राज्य शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन की जाएगी। सरल बिजली बिल स्कीम में उपभोक्ता के बिल में देय राशि तथा राज्य शासन द्वारा दी गई सब्सिडी का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। प्रचलित दर से विद्युत शुल्क अधिरोपित किया जाएगा, जिसके सहित उपभोक्ता द्वारा मात्र 200 रूपए प्रतिमाह की राशि देय होगी। उपभोक्ता से कोई अतिरिक्त सुरक्षा निधि नहीं ली जाएगी। नए संयोजनों के लिए सौभाग्य योजना की तरह व्यवस्था रखी गई है, जिसमें सुरक्षा निधि नहीं ली जा रही है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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