Posted on 25 Jul, 2016 8:01 pm

एएन-32 विमान के गायब हो जाने पर वायुसेना अध्यक्ष एयरचीफ मार्शल अरूप राहा का बयान 
 

एएन-32 विमान के गायब हो जाने पर वायुसेना अध्यक्ष एयरचीफ मार्शल अरूप राहा पीवीएसएम एवीएसएम वीएम एडीसी ने निम्न लिखित बयान दिया है। उल्लेखनीय है कि यह विमान बंगाल की खाड़ी के ऊपर गायब हो गया था : -

“भारतीय वायुसेना का एक एएन-32 विमान तंबरम, चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर के लिए नियमित कोरियर सॉर्टी पर था। विमान 22 जुलाई, 2016 को सुबह 8:30 बजे तंबरम से उड़ा था। उस पर चालक दल के 6 सदस्य और 23 कर्मी सवार थे। 

जब विमान लगभग 270 किलोमीटर की दूरी पर चेन्नई के पूर्व में पहुंचा तो राडार से उसका संपर्क टूट गया। उसके बाद से विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका। 

गायब होने वाले विमान और कर्मियों की तलाश में गहन ऑपरेशन चलाया जा रहा है। क्षेत्र में खोजी उपकरणों से लैस वायुसेना, भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक के कई विमान उड़ान भर रहे हैं। तलाशी ऑपरेशन में भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक के कई पोत भी लगे हुए हैं, जिनमें से कई पोतों पर हेलीकॉप्टर भी मौजूद हैं। 

यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि अब तक हम गायब होने वाले विमान और उस पर सवार कर्मियों का पता नहीं लगा सके हैं। यह हम सब के लिए बहुत मुश्किल की घड़ी है और हम चिंतित परिजनों के दुख में शरीक हैं। वायुसेना के अधिकारी विमान में सवार कर्मियों के परिवार वालों के लगातार संपर्क में हैं और विमान तथा उन सबकी खोज के लिए किए जाने वाले प्रयासों से उन्हें लगातार अवगत करा रहे हैं। 

एएन-32 यातायात विमान 1984-1991 के बीच वायुसेना में शामिल किया गया। पिछले तीन दशकों के दौरान इसकी क्षमताओं का वायुसेना ने भरपूर प्रयोग किया है। यह विमान बहुत उन्नत किस्म का है। इसे दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई अड्डे दौलत बेग ओल्डी पर उतरने का भी अनुभव है। इसका चालक दल भी अत्यंत प्रशिक्षित है। इस तरह की घटनाओं से हमें यह अहसास हो जाता है कि हमारे बहादुर सैन्य कर्मी अपनी रोज की ड्यूटी का निर्वाह करने में कितना जोखिम उठाते हैं। इस दुर्भाग्यशाली घटना की गहरी छानबीन की जाएगी। भारतीय वायुसेना अपने कर्मियों को बेहतरीन उपकरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे अपनी गतिविधियां बेहतरीन तरीके से चला सकें। 

हमारी प्रार्थनाएं और भावनाएं गायब हो जाने वाले कर्मियों और उनके परिवार वालों के साथ हैं तथा उन्हें खोजने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी जाएगी।” 

 

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India