Posted on 02 Dec, 2016 8:57 pm

भोपाल : शुक्रवार, दिसम्बर 2, 2016, 19:24 IST
 

राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली ने कहा है कि उच्च शिक्षा को विश्व स्तर की बनाने की आवश्यकता है, ताकि हमारे देश के विश्वविद्यालय विश्व के उच्चत्तम श्रेणी के विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान बना सकें। राज्यपाल आज म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि पहले हमारे देश को शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरू का दर्जा प्राप्त था। देश में विदेशों से लोग शिक्षा प्राप्त करने आते थे। तक्षशिला और नालंदा जैसे विद्यालय हमारे देश में स्थापित थे। आज बड़ी विडम्बना है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हमारे देश का एक भी विश्वविद्यालय विश्व स्तर के विश्वविद्यालयों की सूची में नहीं है। हमारे विद्यार्थी विदेश में शिक्षा अध्ययन करने जाते हैं और विदेश में ही अपनी सेवाएँ प्रारम्भ कर देते हैं।

राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि हमारे देश में विश्व के अन्य देशों से सबसे अधिक युवा शक्ति है। युवाओं का कौशल विकास करने के लिए प्रशिक्षण देकर देश के विकास में भागीदार बनायें जिससे हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में आ सके। उन्होंने कहा कि गाँवों के छात्र-छात्राऐं शहरों के छात्र-छात्राओं के समान प्रतियोगिता परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें इसके लिए हिन्दी में भी पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाये जायें।

राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा के साथ अच्छा इंसान बनने की शिक्षा भी दी जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में अच्छे शिक्षक होंगे तो शिक्षा का स्तर ऊँचा उठ सकेगा। राज्यपाल ने कहा कि निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों के अलग-अलग रास्ते पर चलने से उच्च शिक्षा दो विधारधाराओं में बट जायेगी। उच्च शिक्षा में दोहरी व्यवस्था के बारे में कहा कि इसके लिए निजी विश्वविद्यालयों पर मजबूत नियंत्रण होना आवश्यक है।

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि गाँवों के उदय के बिना भारत का उन्नयन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पाठ्क्रमों में परिवर्तन कर ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करें जिससे गाँवों के छात्र-छात्राओं की आवश्यकताएँ पूरी हो सके। श्री जोशी ने कहा कि अगले सत्र से हिन्दी माध्यम से भी पाठ्यक्रम पढ़ाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि गाँव के छात्र-छात्राऐं अंग्रेजी माध्यम के पाठ्यक्रमों से परीक्षा की सही तैयारी नहीं कर पाते हैं जिससे वे दूसरे लोगों से पीछे रह जाते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि नये कार्य क्षेत्र में जायें तो भारत माता को न भूलें। कठोर परिश्रम करके प्रधानमंत्री द्वारा हमारे देश को एक बार फिर विश्व गुरू बनाने के शुरू किये गये कार्यों में भागीदार बनें।

मौलाना आजाद उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति डा. जफर सुरेशवाल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छात्रों को शिक्षा के साथ उनके चरित्र निर्माण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

प्रो. जे.एस. राजपूत ने कहा कि शिक्षा प्राप्ति के बाद जो भी काम करने का लक्ष्य बनाये उसमें देश सेवा और मानव सेवा का विशेष ध्यान रखा जाये। जीवन में सफलता के लिए शिक्षा के साथ समय का सदुपयोग करना आवश्यक है।

राज्यपाल श्री कोहली ने विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी और स्नाक्तोत्तर और स्नातक विद्यार्थियों को उपाधियाँ वितरित कीं। समारोह में विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद और शिक्षक तथा छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश