Posted on 27 Feb, 2018 1:43 pm

 

उमरिया जिले के करकेली विकासखण्ड के गाँव किरनताल के नरेन्द्र कुमार दुबे लम्बे अरसे से 4.50 हेक्टेयर भूमि में परम्परागत तरीके से खेती करते थे। उनके खेत में जो उत्पादन होता था, उससे मुनाफा काफी कम ही हो पाता था। कृषि में स्नातक नरेन्द्र ने अपने खेत में सिंचाई का साधन भी विकसित किया।

किसान नरेन्द्र ने परम्परागत फसल से हटकर उद्यानिकी फसल लेने के संबंध में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के अधिकारियों से चर्चा हुई। उन्होंने इस संबंध में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से भी सलाह-मशवरा किया। कृषि अभियांत्रिकी विभाग संचालनालय के सहायक यंत्री ने उन्हें रेजबेड पोटेटो प्लांटर की सहायता से आलू की बुवाई की जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद ट्रेक्टर मँगाकर गहरी जुताई का कार्य खेत में किया गया।

किसान नरेन्द्र ने 700 रुपये क्विंटल की दर पर 20 क्विंटल आलू की रेडबेड पोटेटो प्लांटर से एक ही दिन में बुवाई कर दी। इस कार्य में उन्हें 5 हजार रुपये खर्च करना पड़े। नरेन्द्र बताते हैं कि यदि यह कार्य मजदूर करते, तो उन्हें 40 हजार रुपये की लागत आती और आलू की बुवाई तकनीकी रूप से भी सही नहीं हो पाती।

सब्जी उत्पादन अब किसान नरेन्द्र के मन को भा गया है। उन्होंने बताया कि एक फीट की नाली की मेड़ों से शुद्ध हवा जड़ को मिलेगी, तो आलू की ग्रोथ तेजी से होगी। नरेन्द्र को विश्वास है कि इस बार उन्हें अपने खेत में 200 क्विंटल आलू का उत्पादन मिलेगा और उन्हें मात्र 3 माह में डेढ़ लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा भी होगा। नरेन्द्र बताते हैं कि आलू की फसल लेने के बाद वे प्याज, भिण्डी, मिर्ची, लौकी आदि की फसल के लिये अभी से कार्य-योजना बना रहे हैं।

किसान नरेन्द्र के खेत में उद्यानिकी फसल को देखकर गाँव के अन्य किसानों ने भी उद्यानिकी फसल के संबंध में विभागीय अधिकारियों से चर्चा की है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent