आराध्या और आर्या परिवार की शान है (लाड़ली लक्ष्मी योजना)
Posted on 31 Jul, 2016 5:27 pm
जुड़वा बेटियों के जन्म के बाद बेटे की चाह नहीं की रायकवार दम्पत्ति ने |
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भोपाल : रविवार, जुलाई 31, 2016, 16:57 IST | |
श्री संतोष रायकवार और उनकी पत्नी रेखा रायकवार कहती हैं कि 'दुनिया तेजी से बदल रही है, उसी तेजी से हमें अपनी सोच भी बदलनी चाहिये।'' रायकवार दम्पत्ति को जब जुड़वा बेटियाँ हुईं, तो बेटा होने की ख्वाइश उनके अंदर पैदा हो, इसका प्रयास तो बहुतों ने किया, पर उन्होंने सलाह मानी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता की। दो बेटियों के बाद रायकवार दम्पत्ति ने परिवार नियोजन अपना लिया। इसका सशक्त तर्क भी उनके पास था। यह तर्क था कि सरकार ने बेटियों के लिये जो योजनाएँ बनायी हैं, उससे अब उन पर आर्थिक और सामाजिक दबाव कम हुआ है। सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के जरिये बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पालकी तक की व्यवस्था की है। इससे हमें संबल मिला। कहा अब हमें बच्चियों की ठीक ढंग से परवरिश कर उन्हें इस योग्य बनाना है कि वे सम्मान और सशक्त होकर समाज में अपनी जगह बना सकें। संतोष रायकवार की मासिक आय 8000 रुपये प्रतिमाह है। निश्चित ही दो बेटियों के साथ अपनी दो छोटी बहनों की परवरिश और शादी की जिम्मेदारी के लिये बहुत ही कम है। पर उन्हें भरोसा है अपनी सरकार पर कि वे सभी दायित्व निभा लेंगे। रायकवार दम्पत्ति की दोनों बेटियाँ अब शान बन गयी हैं। |
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश