Posted on 05 Sep, 2016 3:23 pm

 

आयकर घोषणा योजना, 2016-सरकार ने छठे सेट के रूप में प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्‍नों का स्‍पष्‍टीकरण जारी किया 

 

आयकर घोषणा योजना, 2016 वैसे लोगों को अघोषित आय और परिसंपत्तियों को घोषित करने का अवसर देती है, जिन लोगों ने अतीत में पूरे टैक्‍स का भुगतान नहीं किया है। इस योजना की शुरूआत 1 जून 2016 को हुई थी और यह 30 सितंबर 2016 तक खुला है। आयकर घोषणा योजना, 2016 के नियमों की अधिसूचना 19 मई 2016 को जारी की गई थी। इस योजना के तहत देय राशि का भुगतान किस्तों में यानि कुल राशि के 25 प्रतिशत का भुगतान 30 नवंबर 2016 तक, अगले 25 प्रतिशत का भुगतान 31 मार्च 2017 तक तथा शेष 50 प्रतिशत का भुगतान 30 सितंबर 2017 तक किया जायेगा। 

हितधारकों की चिंताओं को दूर करने और इस योजना के प्रावधानों से संबंधित प्रश्नों को स्पष्ट करने के लिए, समय-समय पर नियमों में संशोधन किए जाते रहे हैं और इसी आलोक में छठे सेट का परिपत्र जारी किया गया है। 

नियमों के तहत निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों को संबोधित किया और प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न----

• वैध घोषणा की जानकारी पूर्णत: गोपनीय रहेगी और इसे न ही किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी के साथ साझा किया जाएगा और न ही आयकर विभाग द्वारा जांचा जायेगा

• इस योजना के तहत घोषित आय को 1 जून 2016 के अनुसार अधिग्रहण की लागत या उचित बाजार मूल्य, दोनों में जो भी अधिक होगा, के आधार पर निर्धारित किया जायेगा।हालांकि, समायोजित अधिग्रहण के स्टांप शुल्क मूल्य के आधार पर दर्ज अचल संपत्ति के मूल्यांकन के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के रूप में भी एक विकल्प मौजूद है।

• घोषित आय पर बिना दावे के किए गए टीडीएस के क्रेडिट की अनुमति दी जायेगी

• बेनामी संपत्ति को बेनामीदार से घोषित करने वाले व्यक्ति के नाम हस्तांतरण में न ही कोई कैपिटल टैक्स देना होगा और न ही टीडीएस लगेगा। 

• इसके तहत घोषित संपत्तियां न तो फर्जी देनदारियों ऑडिटेड बैलेंस शीट में दर्ज की जायेगी और न परिसंपत्ति के अधिग्रहण से जुड़े राशि के रूप में इस तरह के स्कीम के तहत खुलासा हो सकता है।

• घोषित पंजीकृत अचल संपत्ति के आयोजन की अवधि पंजीकरण की वास्तविक तिथि के आधार पर तय की जायेगी।

• मूल्यांकन के लिए पंजीकृत मूल्यांक से घोषक द्वारा प्राप्त रिपोर्ट पर विभाग कोई सवाल नहीं करेगा। हालांकि, मूल्य निर्धारकों की जवाबदेही बनी रहेगी।

• आयकर घोषणा योजना के तहत प्राप्त किए गये किसी भी नकद जमा पर एफआईयू या आयकर विभाग द्वारा कोई भी कारवाई नहीं की जायेगी। 

• भले ही कोई सबूत या सर्वेक्षण कार्यवाही के दौरान या बाद में भी पाया जाता है तो कोई पूछताछ/जांच अघोषित आय योजना के तहत घोषित संपत्ति के संबंध में नहीं किया जाएगा (सर्कुलर नं. 32, दिनांक 1 सितंबर, 2016) 

• आगे भी सर्कुलर नं. 31, दिनांक 30 अगस्त, 2016 घोषित करने वाले व्यक्ति को यह विकल्प प्रदान करता है कि वह इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आयकर आयुक्त, केंद्रीकृत प्रोसेसिंग सेंटर, बेंगलुरू (सीआईटी, सीपीसी) के साथ डिजिटल हस्ताक्षर के तहत दाखिल कर सकता है। 

तथ्यों के आलोक में सभी प्रमुख प्रश्नों और हितधारकों की चिंताओं को पहले से ही परिपत्रों (एफएक्यू) के माध्यम से संबोधित किया गया है और यह योजना को स्थिरता और निश्चितता प्रदान करने के विचार के उद्देश्य से किया गया है, अब इस योजना पर आगे कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया जाएगा।

इस बात को दोहराया गया है कि है कि 30 सितंबर 2016 को यह योजना बंद हो रही है।इस योजना के विस्तार का कोई सवाल ही नहीं है। 

 

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

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