Posted on 06 Aug, 2018 2:38 pm

 

प्रदेश में युवा वर्ग अब नौकरी की बजाय स्वयं का रोजगार शुरू करने में ज्यादा रूचि लेने लगे हैं। इसका मुख्य कारण मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में सहजता से लोन और सब्सीडी की उपलब्धता है। इंदौर के युवा नरेन्द्र सिसोदिया, ग्वालियर के दिलीप पॉल और अशोकनगर के शरीफ अंसारी भी इसी योजना की मदद से आत्म-निर्भर बन गये हैं।

इंदौर में बालदा कॉलोनी निवासी नरेन्द्र सिसोदिया कक्षा-8 तक पढ़े हैं। इस वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही थी। काफी समय तो बेरोजगार रहे, इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में सम्पर्क किया और सीएनजी ऑटो रिक्शा खरीदने के लिये लोन का आवेदन दिया। उन्हें 2 लाख रुपये का लोन मंजूर हुआ। इसके साथ ही शासन की ओर से 60 हजार रुपये सब्सिडी भी मिली। नरेन्द्र आज शान से इंदौर शहर में ऑटो चला रहे हैं। उन्हें प्रति दिन 400 से 600 रुपये तक की आमदनी आसानी से हो जाती है।

ग्वालियर में बिरला नगर के दिलीप पॉल घर-घर जाकर बिजली रिपेयरिंग का काम करते थे। बड़ी मुश्किल से घर का गुजारा होता था। दिलीप का सपना था दुकान मलिक बने। सबसे बड़ी बाधा थी पूँजी का अभाव। एक दिन उनके मोहल्ले में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की ओर से स्व-रोजगार शिविर लगा। दिलीप ने बिजली की दुकान के लिये आवेदन भरा। उनके प्रकरण में 90 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर हुई। आज दिलीप शहर के हजीरा इलाके के शहीद मार्केट में दुर्गा इलेक्ट्रिकल स्टोर के मालिक हैं। दिलीप प्रति माह 1700 रुपये की मासिक लोन किश्त भी नियमित रूप से चुका रहे हैं। स्वयं की दुकान होने से बाजार में उनकी साख बढ़ गई है।

अशोकनगर में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से लाभान्वित हुए है शरीफ अंसारी। इन्हे शहरी विकास अभिकरण से कंगन स्टोर शुरू करने के लिये 2 लाख रुपये का ऋण दिया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिली है। शरीफ अंसारी शहर के न्यू बस स्टैण्ड में कंगन स्टोर के मालिक हैं।


सक्सेस स्टोरी (इंदौर, ग्वालियर, अशोकनगर)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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