Posted on 28 Sep, 2018 6:22 pm

 

प्रदेश की ग्रामीण और घरेलू महिलाओं को सफल उद्यमी बनाने में आजीविका मिशन मददगार साबित हो रहा है। महिलाएँ मिशन से जुड़कर ना सिर्फ रूचि अनुसार उद्यमों के लिए प्रशिक्षित हो रही है, बल्कि अपनी अधूरी पढ़ाई का सपना भी पूरा कर रही हैं। गुना जिले में बर्रया राघौगढ की सीमा राव आजीविका मिशन से जुड़कर स्वच्छता प्रेरक, बैंक सखी, कृषि सखी और सामाजिक अंकेक्षक की सफल भूमिका निभा रही है। सीमा गरीबी और समाजिक परम्पराओं के चलते 12वीं के बाद पढ़ नहीं सकी। परिवार वालों ने छोटी उम्र में ही विवाह कर दिया था। पति ने पहली पुत्री के जन्म लेते ही उसे छोड़ दिया। इसके बावजूद सीमा ने हिम्मत नहीं हारी। अपने वृद्ध माता-पिता के घर लौटकर सीमा दीनदयाल आजीविका मिशन से जुड़ी, समूह बनाया और अपने परिवार की देखभाल करने लगी।

सीमा हर माह 6-7 हजार रूपये आसानी से कमा रही है अपनी बेटी को पढ़ा भी रही है। समूह से रूपये लेकर सीमा ने सिलाई मशीन खरीद कर घर पर ही महिलाओं के कपड़ों की सिलाई का काम शुरू कर दिया है। यही नहीं, उसने अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करना शुरू कर दिया है। सीमा अब बी.एस.डब्ल्यू. कर रही है। सीमा राव को आजीविका मिशन ने सम्मानपूर्वक जीना सिखाया है, आगे बढ़ना सिखाया है।

 

 

 

 

 

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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