Posted on 22 May, 2018 4:50 pm

 

रीवा जिले में हनुमना विकासखण्ड के ग्राम गहबरा निवासी कलावती साकेत एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद आजीविका मिशन की मदद से आत्म-निर्भर बन गई है। अब कलावती पहले से अधिक विश्वास के साथ सफलता की ओर कदम बढ़ा रही है।  #

कलावती और उसका पति मजदूरी कर घर चला रहे थे। इसी बीच कलावती को मध्यप्रदेश आजीविका मिशन से जुड़ने का अवसर मिला। कलावती ने महिला स्व-सहायता समूह गठित किया। समूह के सदस्य दस रूपये प्रतिदिन की बचत करने लगे। समूह को आजीविका मिशन से 15 हजार रूपये का बीज ऋण मिला। कलावती ने ग्रामीण  आजीविका मिशन से ऋण एवं अनुदान लेकर डेयरी व्यवसाय शुरू किया। एक भैंस से डेयरी शुरू की। धीरे-धीरे भैंसों की संख्या बढ़ी। कलावती के पति हनुमना जाकर दूध बेचने लगे। दूध की बिक्री से लगभग 10 हजार रूपये की आमदनी हर माह होने लगी।

कलावती ने आजीविका मिशन से दूसरी बार 25 हजार रूपये का ऋण लेकर फसलों की गहाई के लिये थ्रेशर खरीदा। थ्रेशर को यह दम्पति किराये पर भी चलाती है। डेयरी तथा थ्रेशर से कलावती के परिवार को हर वर्ष लगभग एक लाख रूपये से भी अधिक कमा रहे हैं।

सक्सेस स्टोरी (रीवा)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश