Posted on 16 Nov, 2016 8:36 pm

भोपाल : बुधवार, नवम्बर 16, 2016, 19:16 IST
 

मरीजों अथवा उनके परिवार के सदस्यों द्वारा मरीज के अस्पताल में भर्ती होने का प्रमाण-पत्र साथ लाने पर मध्यप्रदेश में कार्यरत बैंकों की शाखा द्वारा खाताधारक के खाते में नियमानुसार 500 एवं 1000 के नोट प्राथमिकता से जमा किये जायेंगे। भारत सरकार द्वारा निजी चिकित्सालयों एवं नर्सिंग-होम में उपचार में आने वाली कठिनाइयों के समाधान के लिये प्रदेश के सभी बैंक को निर्देश जारी किये गये हैं। बैंकों से कहा गया है कि वे इसके लिये अलग से लाइन की व्यवस्था भी करें।

बैंकों से कहा गया है कि संबंधित अस्पताल के बैंक खाते में आरटीजीएस, एनईएफटी, बैंकर्स चेक, बैंक ड्रॉफ्ट आदि के माध्यम से राशि अंतरित करने की व्यवस्था प्राथमिकता से की जाये, ताकि मरीज के इलाज में बाधा न आये। इनके माध्यम से अंतरित राशि के लिये एक प्राप्ति रसीद भी दें, जिसके आधार पर भुगतान करने वाला व्यक्ति अस्पताल में इलाज प्राप्त कर सके। यदि कोई खाताधारक किसी अन्य स्थान की बैंक शाखा का है, तो भी बैंक ऐसे खाताधारक के स्वयं के खाते में हस्ताक्षर मिलान के बाद राशि जमा करवा सकेंगे। चेक उपलब्ध न होने पर बैंक द्वारा डेबिट वाउचर या बैंक द्वारा निर्धारित प्रारूप में फार्म भरकर खाताधारक से अधिकार-पत्र प्राप्ति के बाद अस्पताल के खाते में राशि अंतरित की जा सकेगी।

खाताधारक अपने बैंक खाते से लिंक डेबिट-कार्ड/रूपे-कार्ड के माध्यम से भी अस्पताल में सीधे पीओएस मशीन के माध्यम से भुगतान कर सकेंगे। बैंकों से कहा गया है कि यदि आवश्यक है, तो वे अस्पताल प्रबंधन के साथ चर्चा कर वहाँ पीओएस मशीन की व्यवस्था करें। बैंक में नोट एक्सचेंज के लिये आने वाले मरीज एवं उनके परिवार के सदस्यों को अस्पताल में भर्ती होने का प्रमाण-पत्र साथ लाने पर अलग से लाइन की व्यवस्था हो। बड़े अस्पतालों में मोबाइल बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिये गये हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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