Posted on 22 Apr, 2018 1:30 pm

 

आपसी समझौते के आधार पर राजीनामा कर लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बी.पी. वर्मा ने जिला न्यायालय में माँ सरस्वती की छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर श्रीमती अनिता कोशिमा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आज 151 प्रकरणों का निपटारा कर 66 लाख 91 हजार 219 रूपए का समझौता राशि जमा कराया गया। उन्होंने बताया कि प्री-लिटिगेशन के 3 हजार 516 प्रकरणों में से 32 प्रकरणों का आपसी समझौता के आधार पर निराकरण कर समझौता राशि 8 लाख 46 हजार 395 रूपए जमा कराया गया वहीं 771 लम्बित प्रकरणों मंे से 119 प्रकरणों का निराकरण कर 58 लाख 44 हजार 824 रूपए जमा कराया गया।
ज्ञातव्य है कि जिला न्यायाधीश श्री बी.पी. वर्मा के निर्देशानुसार जिला न्यायालय स्तर पर कुल 15 खण्डपीठ का गठन किया गया था। इनमें परिवार न्यायालय, उपभोक्ता फोरम सहित जिला न्यायालय अंतर्गत सभी न्यायाधीशों की खण्डपीठ शामिल थे। गठित खण्डपीठ में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त एक-एक अधिवक्ता एवं एक-एक सामाजिक कार्यकर्ता की नियुक्ति की गई थी। जिला न्यायाधीश  द्वारा नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों - राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण, एन.आई.एक्ट, बैंक वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, विद्युत एवं पानी बिल संबंधी मामले, पारिवारिक मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामलों का एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरणों - एन.आई.एक्ट, बैंक वसूली प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, विद्युत एवं पानी बिल संबंधी मामलों का अधिक से अधिक संख्या में निराकरण कर नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने का आग्रह किया गया था।
आज के नेशनल लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन प्रकरणों से संबंधित बैंक रिकव्हरी के 8 प्रकरणों से 5 लाख 62 हजार 765, बिजली बिल के एक प्रकरण से 40 हजार 695 तथा पानी बिल के 23 प्रकरणों से 2 लाख 42 हजार 935 रूपए समझौता राशि जमा कराया गया। इसी प्रकार लंबित प्रकरणों से संबंधित श्रम विवाद के 34 प्रकरणों से 1 लाख 10 हजार 500, एमएससीटी के 5 प्रकरणों से 23 लाख 16 हजार, एनआईए एक्ट 4 प्रकरणों से 3 लाख 99 हजार 417, अन्य 4 प्रकरणों से 30 लाख 18 हजार 900 रूपए समझौता राशि जमा कराया गया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़

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