Posted on 25 Jan, 2017 6:04 pm

 

भोपाल : बुधवार, जनवरी 25, 2017, 17:13 IST

 

संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने कहा कि विक्रमोत्सव की ख्याति अनुरूप अमृत महोत्सव समारोह राष्ट्रीय-स्तर पर होगा। इसके लिये आयोजन की रूपरेखा इस प्रकार से बनायी जाये, जिसमें पुरातात्विक और पर्यटन महत्व के क्षेत्र शामिल हों। राज्य मंत्री श्री पटवा स्वराज संस्थान में विक्रमोत्सव की रूपरेखा पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

राज्य मंत्री श्री पटवा ने कहा कि अमृत महोत्सव के लिये प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय-स्तर पर भी समिति गठित कर देशभर में कार्यक्रम किये जायें। आयोजन के अंतर्गत राष्ट्रीय-स्तर की संगोष्ठी, कार्यशाला, प्रदर्शनी, नाट्य-मंचन, लोक-श्रुतियों और अनुश्रुतियों के आधार पर विद्यार्थियों की भाषण तथा चित्रकला प्रतियोगिता करवाने के लिये कहा। श्री पटवा ने सम्राट विक्रमादित्य के सैन्य अभ्यास से संबंधित पुरातात्विक प्रमाणों पर सभी प्रकार की सैनिक गतिविधियों को भी शामिल किये जाने की आवश्यकता बतायी।

विक्रमोत्सव आयोजन समिति अध्यक्ष एवं विधायक डॉ. मोहन यादव ने विक्रमोत्सव के अमृत महोत्सव की संकल्पना प्रस्तुत की। विक्रमोत्सव के शुभारंभ वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम होंगे। इसमें उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर और अन्य स्थानों पर संगोष्ठी, सील-सिक्कों की प्रदर्शनी लगायी जायेगी। आचार्य सांदीपानि के जीवन पर केन्द्रित नाटक और अनुष्ठान मण्डपम् ज्योतिष अकादमी द्वारा वैदिक अंताक्षरी भी होगी।

प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव ने उज्जैन में भारतीय काल-गणना का एक केन्द्र स्थापित करवाये जाने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही भारतीय काल-गणना पर पुनर्विचार तथा दृश्य-गणित पर आधारित काल-गणना पर गहन विचार-विमर्श की जरूरत रेखांकित की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में संस्कृति विभाग द्वारा भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। स्वराज संस्थान के संचालक श्री राजेश मिश्रा तथा विद्वतजन उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश