Posted on 30 Jul, 2018 7:09 pm

 

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने अमृत योजना के अंतर्गत करवाये जा रहे कार्यों की बारीकी से मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि मॉनीटरिंग के लिये संचालनालय स्तर पर संभागवार नोडल अधिकारी नियुक्त किये जायें। उन्होंने कार्य में ढिलाई बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये। श्रीमती माया सिंह ने आज अमृत योजना की विस्तृत समीक्षा की। प्रदेश में अमृत योजना में 164 करोड़ रुपये लागत के 10 कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं और 5896 करोड़ लागत के 129 कार्य 33 शहरों में जारी हैं।

मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि अमृत योजना में प्रदेश के चुनिंदा 34 शहरों में 6200 करोड़ रुपये लागत से 119 कार्य करवाये जाना हैं। इनमें वॉटर सप्लाई, सीवर, पर्यावरण और ट्रांसपोर्टेशन के कार्य होंगे। उन्होंने कार्यों की धीमी प्रगति पर चिंता व्यक्त करते हुए इंजीनियर इन चीफ श्री प्रभाकांत कटारे को योजना की पाक्षिक समीक्षा करने के निर्देश दिये। श्रीमती सिंह ने कहा कि बरसात के मौसम में सीवर या वॉटर सप्लाई के लिये काम करते समय स्थानीय नागरिकों की समस्याओं और आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा जाये। जिन स्थानों पर खुदाई की गई है, वहाँ पर मिट्टी और मुरम के साथ भराव करवाया जाये। उन्होंने काम बीच में छोड़कर जाने वाली कम्पनियों को ब्लैक-लिस्ट करने के निर्देश भी दिये हैं।

ग्वालियर को अमृत योजना के लिये मिले 704 करोड़

बैठक में श्रीमती माया सिंह ने अमृत योजना में ग्वालियर नगर निगम के अंतर्गत संचालित कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अमृत योजना में ग्वालियर को 704 करोड़ 73 लाख रुपये की राशि के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। उन्होंने दूरभाष पर काम की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ग्वालियर नगर निगम आयुक्त श्री विनोद शर्मा को सभी कार्य नियमित, गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करवाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि अमृत योजना के कार्यों की विशेष मॉनीटरिंग के लिये भोपाल से विशेषज्ञों की टीम शीघ्र भेजी जायेगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश