Posted on 02 Jun, 2016 10:09 am

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन की अध्यक्षता में सम्पन्न मान्यता समिति की बैठक में अपील अमान्य होने की सूचना से वंचित शिक्षण संस्थाओं को नई मान्यता के लिये पुन: आवेदन करने का मौका दिया गया है। ऐसी संस्थाओं को वर्ष 2016-17 के लिये 10 जून तक आवेदन करना होगा। इसमें वे संस्था शामिल हैं, जिन्हें संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण द्वारा वर्ष 2014-15 की अस्थायी मान्यता दी गयी और उनकी प्रथम अपील अमान्य की गयी, किन्तु उन्हें उसकी सूचना प्राप्त नहीं हुई। इन संस्थाओं की वर्ष 2015-16 की मान्यता नियमित करने तथा आगामी सत्रों में नियम एवं प्रक्रिया के अनुसार नवीन मान्यता देने के लिये आवेदन का मौका देने का निर्णय लिया गया है। यदि संस्थाओं के आवेदन निरस्त होते हैं तो 12 अगस्त के पहले प्रवेशित छात्रों का अन्य मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश करवाने का दायित्व डीईओ का होगा।

जिन संस्थाओं को अपील में सुनवाई का अवसर प्राप्त नहीं हुआ या जिन्होंने जारी अस्थायी मान्यता के आदेश में अपील का उल्लेख न किये जाने के कारण आयुक्त को अपील नहीं की, उन्हें इसका अवसर देने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। इस प्रक्रिया के लिये एक माह की अवधि निर्धारित की गयी है। ऐसी संस्थाओं को मान्यता पुन: प्राप्त नहीं होती है तो उनमें प्रवेशित छात्रों का अन्य मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश करवाया जायेगा।

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2015 में ऑनलाइन मान्यता के अधिकांश प्रकरणों का निराकरण करवाने का प्रयास किया गया है।विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया 31 जुलाई तक तथा विशेष परिस्थिति में 12 अगस्त तक पूरी की जानी है। पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण अनेक प्रकरण में जिला-स्तर पर 12 अगस्त के बाद मान्यता जारी कर ऑनलाइन प्रविष्टि की गयी है। उच्च न्यायालय के समक्ष चूँकि इस प्रकृति का एक प्रकरण विचाराधीन है, इसलिये ऐसे सभी प्रकरण के संबंध में मान्यता समिति ने निर्णय लिया है कि 12 अगस्त के बाद मान्यता जारी किये जाने और उसकी प्रविष्टि ऑनलाइन किये जाने वाले प्रकरण के लिये समय-सीमा की छूट लेने का अनुरोध उच्च न्यायालय से किया जाये।

समिति ने वर्ष 2014-15 की अस्थायी मान्यता के आधार पर ऐसी संस्थाओं द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण/मंत्री स्कूल शिक्षा को की गयी प्रथम/द्वितीय अपील निरस्त करने के बावजूद कतिपय डीईओ द्वारा उनकी मान्यता का नवीनीकरण करने के संबंध में निर्णय लिया गया कि डीईओ संस्थाओं को सुनवाई का अवसर देकर मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही करें। इन संस्थाओं के विद्यार्थियों को भी 12 अगस्त के पहले अन्य मान्यता प्राप्त संस्थाओं में प्रवेश दिलवाया जाये। समिति ने निर्णय लिया कि संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्रक्रिया विरुद्ध मान्यता नवीनीकरण की कार्यवाही किये जाने के फलस्वरूप उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। समिति ने यह भी निर्णय लिया कि सत्र 2017-18 से प्रत्येक अशासकीय शिक्षण संस्थाओं के लिये मान्यता की आवश्यक शर्त में एक काउंसलर नियुक्त करने का प्रावधान रखा जाये। काउंसलर बच्चों को शैक्षणिक/सांस्कृतिक/कॅरियर मार्गदर्शन दे, जिससे बच्चों को परीक्षा के तनाव से मुक्ति मिल सके और उनमें बढ़ती आत्महत्या की दुष्प्रवृत्ति को रोका जा सके। इसके लिये मान्यता नियमों में आवश्यक प्रावधान करवाने के निर्देश दिये गये।

बैठक में अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा श्री एस.आर. मोहंती, माध्यमिक शिक्षा मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती सुरंजना रे और आयुक्त लोक शिक्षण श्री नीरज दुबे उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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