Posted on 23 Jan, 2018 4:33 pm

खरगोन में धरगांव के धीरज पाटीदार का जन्म वर्ष 1992 में हुआ, मगर एक वर्ष बाद अनहोनी घटना में वे अपंगता के शिकार हो गए। धीरज के पैर की विधिवत जाँच हुई। विशाखापट्नम से आए डॉक्टर ने धीरज का इंदौर के अस्पताल में मात्र 30 मिनट में ऑपरेशन किया। उसके बाद से वे आज अपने पैरों पर चल पा रहे हैं। धीरज को कभी उनके छोटे भाई प्रवेश जमीन से उठाकर कुर्सी, बिस्तर और स्कूल में बिठाकर आते थे। अब धीरज आत्म-निर्भर हो गया है और अपने सारे काम कर लेता है। कभी वे जमीन से उठ भी नहीं पाते थे।

धीरज ने वर्ष 2010-11 में 12वीं पास करने के बाद शासन की नि:शक्त छात्र-छात्रा को उच्च शिक्षा योजना की मदद से इंदौर के स्वामी विवेकानंद इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग पूरी की। कॉलेज की 2 लाख 10 हजार रुपये की फीस शासन द्वारा दी गई। वे यहां ही नहीं रूके और वर्ष 2010 में गेट क्लियर कर केन्द्रीय सरकार के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल में प्रवेश पाया। एमटेक के लिए भी पूरी फीस 1,07,630 रुपये खरगोन सामाजिक न्याय विभाग द्वारा भरी गई। मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद धीरज पाटीदार का चयन बिजली विभाग में सहायक यंत्री के पद पर हुआ। अब धीरज करी-पाडल्या स्थित सब स्टेशन में सहायक यंत्री बनकर गांव वालों की समस्याएं सुलझा रहे हैं।

नि:शक्त छात्र-छात्रों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए राज्य शासन की सामाजिक न्याय योजना के तहत कॉलेज फीस, निर्वाह भत्ता और परिवहन भत्ता दिया जाता है। यह योजना वर्ष 2008 में प्रारंभ हुई है। इसी योजना के तहत खरगोन जिले के धीरज पाटीदार सहित 10 अन्‍य नि:शक्तों को वर्ष 2015-16 में उच्च शिक्षा के ‍िलए 9 नि:शक्तजनों को 2 लाख 87 हजार 630 रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई है।

सक्सेस स्टोरी (खरगोन)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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