Posted on 20 Sep, 2017 6:57 pm

 

विभिन्न शासकीय विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी आपदा प्रबंधन की पार्ट-टाइम ट्रेनिंग दें। आपदा प्रबंधन से संबंधित एक अधिकारी प्रत्येक जिले में पदस्थ होना चाहिये। राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात आपदा प्रबंधन संस्थान द्वारा संचालित पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स के प्रथम दीक्षांत समारोह में कही। श्री गुप्ता ने डिप्लोमा कोर्स कर चुके विद्यार्थियों को उपाधि एवं शील्ड प्रदान की।

श्री गुप्ता ने कहा कि आपदा प्रबंधन संस्थान के पहले बैच की जिम्मेदारी है कि वह अपनी उपयोगिता सिद्ध करे। यही बैच आगे आने वाले बैच की राह भी प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि आपदा रोकने और आपदा के समय कम से कम नुकसान हो, इस संबंध में लोगों को जागरूक करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में रोजगार के विशेष अवसर उपलब्ध होंगे।

अपर मुख्य सचिव गृह श्री के.के. सिंह ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 के बाद इस क्षेत्र में प्रभावी कार्यवाही शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि पी.जी. डिप्लोमा विद्यार्थियों का बेहतर उपयोग डिजास्टर के क्षेत्र में होना चाहिये। आपदा प्रबंधन संस्थान के उपाध्यक्ष श्री नंदन दुबे ने कहा कि यह संस्थान 30 वर्ष से कार्य कर रहा है। पहली बार यह कोर्स शुरू किया गया है। इसमें 34 विद्यार्थी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम में सभी प्रकार के डिजास्टर मैनेजमेंट को शामिल किया गया है।

वर्ष 2030 तक न्यूनतम करना है डिजास्टर से होने वाली हानि

राज्य आपदा प्रबंधन सोसायटी के उपाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि इंस्टीट्यूट ने उपयोगी पाठ्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2030 तक पूरे विश्व में डिजास्टर से होने वाली हानि को न्यूनतम करने का लक्ष्य है। राज्य योजना मण्डल के प्रमुख सलाहकार श्री राजेन्द्र मिश्रा ने पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी दी। आपदा प्रबंधन संस्थान के कार्यपालक निदेशक श्री संजीव सिंह ने पाठ्यक्रम के संबंध में बताया। विद्यार्थियों ने भी अनुभव सुनाए। इस दौरान संस्था के संचालक श्री राकेश दुबे भी उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent