Posted on 28 Feb, 2019 6:54 pm

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि हमारा किसान समृद्ध हो और हर नौजवान को काम मिले, यही प्रदेश के हित में होगा। सरकार इन दोनों वर्गों के लिए चिंतित है और इनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 62 दिनों में सरकार ने अपनी नीति और नीयत स्पष्ट कर दी है। आने वाले पाँच वर्ष में प्रदेश के सभी वर्गों को अपने जीवन में सही मायने में बदलाव दिखाई देगा। 

श्री कमल नाथ ने कहा कि हमारी सरकार घोषणा नहीं करती, काम करके दिखाती है। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज माफ होने से उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की अर्थ-व्यवस्था मजबूत होगी। श्री कमल नाथ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी परोक्ष-अपरोक्ष रूप से आर्थिक रूप से कृषकों को होने वाली आय पर निर्भर है। इसलिए यह आवश्यक है कि किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हो जिससे उसकी खर्च करने की क्षमता बढ़े और अन्य लोगों की आर्थिक गतिविधि चलती रहे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है। वचन-पत्र के अनुसार युवाओं को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने स्किल डेव्हलपमेंट का कार्य शुरू किया है। विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षणरत युवाओं को 4000 रूपए मासिक के मान से स्टायफंड भी दिया जाएगा।

जिले के प्रभारी मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री सुखदेव पांसे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मंत्री द्वय ने ताप्ती नदी के उद्गम स्थल मुलताई के विकास के लिए ताप्ती न्यास बनाने के निर्णय पर मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने प्रतीक स्वरूप दस किसानों को जय किसान फसल ऋण माफी प्रमाण-पत्र प्रदान किए। ग्राम गौठाना की श्रीमती शकुंतला देवी को एक लाख 23 हजार रूपए, ग्राम लावन्या के श्री शिवप्रसाद को एक लाख 8 हजार रूपए, ग्राम खेड़ी सांवलीगढ़ के श्री अशोक सिंह को एक लाख 22 हजार, ग्राम रोंढा के श्री रामा ढाबले के एक लाख 7 हजार सहित छह अन्य किसानों को ऋण माफी के प्रमाण-पत्र दिए। बैतूल जिले में 56 हजार 721 किसानों के ऋण माफी प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं। जिले में अब तक 50 हजार 259 किसानों के 118 करोड़ 50 लाख किसानों के ऋण माफी की प्रक्रिया पूरी की गई है।  कार्यक्रम में श्री कमल नाथ ने 120 करोड़ की लागत के निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​