Posted on 20 Sep, 2017 6:53 pm

 

अखिल भारतीय कालीदास समारोह-2017 के आयोजन के संबंध में केन्द्रीय समिति की बैठक आज संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा की अध्यक्षता में भोपाल में सम्पन्न हुई। इस वर्ष यह समारोह 31 अक्टूबर से 6 नवम्बर 2017 तक होगा। ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन विशेष रूप से बैठक में शामिल हुए।

केन्द्रीय समिति ने कालिदास समारोह 2016 के निर्णय/पालन प्रतिवेदन, वास्तविक व्यय के अनुमोदन के साथ ही इस वर्ष के आयोजन को गरिमामय तरीके से आयोजित करने का निर्णय लिया। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव ने समारोह की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि समारोह के एक दिन पहले 30 अक्टूबर को मंगल कलश यात्रा एवं नान्दी कार्यक्रम होगा। कलश यात्रा उज्जैन के क्षिप्रा तट से कालिदास अकादमी परिसर तक जाएगी। स्थानीय जन-प्रतिनिधि, स्थानीय एवं केन्द्रीय समिति के सदस्य, शहर के गणमान्य नागरिक, विद्यार्थी, सांस्कृतिक दल के साथ ही अन्य दल कालिदास साहित्य से अनुप्रमाणित इस झाँकी यात्रा में शामिल होंगे। नान्दी कार्यक्रम में भक्ति संगीत होगा। उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन हर वर्ष संस्कृति विभाग के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन द्वारा किया जाता है।

संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के प्रकाशन ''साहित्यिक गजेटियर जिला जबलपुर'' एवं 'अंतर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ डाइजेस्ट'' का विमोचन किया। बैठक में उज्जैन (दक्षिण) के विधायक डॉ. मोहन यादव, उज्जैन संभागायुक्त श्री एम.बी. ओझा सहित केन्द्रीय समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

समारोह में होंगे रोजाना कार्यक्रम

समारोह में पहले दिन 31 अक्टूबर को समारोह का विधिवत शुभारंभ होगा। इसी दिन कालिदास संस्कृत नाटक का मंचन होगा। दूसरे दिन एक नवम्बर को शास्त्र-धर्मी शैली पर आधारित तथा पारम्परिक शैली से प्रेरित नृत्य-नाटिका, दो नवम्बर को पारम्परिक संस्कृति साहित्य पर आधारित हिन्दी नाटक, तीन नवम्बर को लोक शैली/पारम्परिक शैली पर कार्यक्रम, चार नवम्बर को शास्त्र-धर्मी शैली के गायन, पाँच नवम्बर को शास्त्रीय शैली में नृत्य और अंतिम दिन 6 नवम्बर को शास्त्रीय शैली में वादन-गायन से समारोह का समापन होगा।

राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी

कालिदास समारोह के आरंभ वर्ष 1958 से ही कालिदास के किसी एक ग्रंथ पर केन्द्रित राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें देशभर के कलाकार पारम्परिक एवं लोक शैलियों में चित्रकारी करते हैं। यह कलाकृतियाँ समारोह में प्रदर्शित की जाती हैं। इसमें चयनित 5 कलाकृतियों को पुरस्कृत भी किया जाता है। इस वर्ष प्रदर्शनी का विषय 'रघुवंशम'' पर केन्द्रित है, जिसके लिये कलाकृतियाँ आमंत्रित की गई हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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