Posted on 03 Oct, 2018 6:51 pm

धार जिले में बदनावर तहसील के ग्राम तिलगारा के किसान राधेश्याम ने सरकारी योजनाओं की मदद से अंजीर फलोद्यान विकसित किया है। यह क्षेत्र में अपनी किस्म की अलग तरह की खेती है। किसान राधेश्याम लम्बे समय से परंपरागत खेती करते आ रहे हैं। उद्यानिकी विभाग की सलाह पर इन्होंने अंजीर की खेती शुरू की। उन्हें इसकी प्रेरणा महाराष्ट्र में मालेगांव के एक किसान से मिली।

राधेश्याम अपने खेत में अंजीर के अलावा अदरक, अनार की खेती भी कर रहे हैं। इन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंक से कृषि कार्य के लिये 10 लाख रूपये का ऋण लिया था। आज इनके खेत में 4 ट्यूबवेल हैं, जिनकी मदद से अपने खेत में पौधों को आवश्यकता अनुसार सिंचाई का पानी देते हैं। अब क्षेत्र के अन्य किसान राधेश्याम की उद्यानिकी फसलों की खेती देखने पहुँचते हैं। राधेश्याम बताते हैं कि उद्यानिकी फसलों को अपनाकर खेती को आसानी से लाभ का व्यवसाय बनाया जा सकता है।

जैविक सब्जियाँ बेचती है आशा दास : छिन्दवाड़ा मेंमुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से श्रीमती आशा दास आर्थिक रूप से सक्षम हुई है। अब आशा जैविक सब्जियों के व्यवसाय से प्रति माह औसत रूप से 6 हजार 500 रूपये से अधिक की आय प्राप्त कर रही है। पूर्व में आशा दास की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। छोटे स्तर पर सब्जी का व्यवसाय करती थी। इसके बाद उसने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के माध्यम से नगर निगम से दुकान लेकर सतपुड़ा आर्गेनिक हाउस के नाम से जैविक सब्जियों की दुकान शुरू की। दुकान के लिये इसे सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया से ऋण मिला। ऋण के अलावा सब्सिडी भी मिली। आज आशा की दुकान में जैविक सब्जियों की मांग हमेशा बनी रहती है।

प्याज की फसल से अच्छी कमाई : भिण्ड जिले के मेहगांव और गोहद क्षेत्र के किसान प्याज की एग्रीफाउंड डार्क रेड किस्म उगाकर अच्छा लाभ कमा रहे हैं। इन किसानों को किसान कल्याण विभाग की आत्मा-परियोजना में भरपूर मदद दी गई है। किसान नारायण सिंह, अशोक सिंह गौर और विद्याराम नावली ने अपने खेत की दो-दो बीघा जमीन में प्याज की खेती की है। इन किसानों ने प्याज के भण्डारण की भी व्यवस्था की है।

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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