विश्व बैंक की सहायता से प्रदेश में तीन जल प्रदाय और सात सीवरेज परियोजना
Posted on 02 Aug, 2024 12:27 pm
प्रदेश में नगरीय क्षेत्र में नागरिकों को बुनियादी सुविधाएँ स्तरीय मिल सके और उनके जीवन स्तर में सुधार हो। इसके लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। इस दिशा में विभाग का उपक्रम मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा विश्व बैंक की मदद से गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराये जा रहे है। विश्व बैंक की 10 परियोजनाओं पर 1209 करोड़ 36 लाख रूपये की लागत से कार्य किया जा रहा है। इनमें से कई परियोजनाएँ पूरी हो चुकी है।
विश्व बैंक द्वारा खरगौन, बुरहानपुर और दतिया जिले के सेवढ़ा में जल प्रदाय योजना पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही शाजापुर, शहडोल, धार जिले का धरमपुरी, सीहोर जिले के भैरूंदा, खरगोन जिले के महेश्वर, जबलपुर जिले के भेड़ाघाट और छिंदवाडा में सीवरेज परियोजना के लिए विश्व बैंक द्वारा वित्तीय सहायता दी गई है। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा धरमपुरी, भेड़ाघाट व शाजापुर सीवरेज परियोजना का कार्य पूरा किया जा चुका है। इसी तरह खरगौन और बुरहानपुर जल प्रदाय परियोजना के कार्य का प्रायोगिक परीक्षण चल रहा है। धरमपुरी सीवरेज परियोजना जिसकी लागत करीब 23 करोड़ 97 लाख रूपये है। इस परियोजना से नगर की 11 हजार से अधिक की आबादी को लाभ मिल रहा है। धरमपुरी सीवरेज परियोजना के उत्कृष्ट संचालन के लिए परियोजना को स्कॉच अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
पर्यटन नगरी भेड़ाघाट में 17 करोड़ 53 लाख रूपये की सीवरेज परियोजना से 5 हजार से अधिक की जनसंख्या के निस्तार के पानी का उचित निस्तारण सीवरेज परियोजना के माध्यम से किया जा रहा हैं। शाजापुर में करीब 92 करोड़ 93 लाख रूपये लागत से सीवरेज परियोजना पूरी की गई है। इस परियोजना से एक लाख से अधिक आबादी को लाभ हो रहा है। शहडोल सीवरेज परियोजना का कार्य भी तेजी से चल रहा है। यह परियोजना 199 करोड़ रूपये लागत की है। इस योजना में 21 हजार से अधिक घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। छिंदवाडा में 263 करोड़ रूपये लागत की सीवरेज परियोजना से 25 हजार से अधिक घरों को सीवरेज कनेक्शन दिया जायेगा। धार्मिक महत्व की नगरी महेश्वर में 55 करोड़ 57 लाख रूपये की लागत से 25 हजार की आबादी को सीवरेज परियोजना का लाभ मिलेगा। सीहोर जिले के भैंरूदा में भी 42 करोड़ रूपये लागत की सीवरेज परियोजना कार्य तेजी से किया जा रहा है। परियोजना से 4247 घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। इसमें 66 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।
जल प्रदाय योजना
खरगौन में जल प्रदाय परियोजना का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। इस परियोजना के जरिये एक लाख 50 हजार की आबादी को शुद्ध जल उपलब्ध कराया जा रहा है। विश्व बैंक सहायता से खरगौन जल प्रदाय योजना तैयार की गई है। इस परियोजना की लगभग 125 करोड़ रूपये है। इसी तरह बुरहानुपर में 207 करोड़ रूपये की लागत से जल प्रदाय परियोजना का कार्य तेजी से किया जा रहा है। यहाँ प्रायोगिक परीक्षण किया जा रहा है। दतिया के सेवढ़ा में 39 करोड़ रूपये की लागत से जल प्रदाय परियोजना का कार्य प्रगति पर है। यहाँ 4 हजार से अधिक घरों को नल कनेक्शन से जोड़े जाने की कार्यवाही की जा रही है।
विश्व बैंक की मदद से तैयार की गई सीवरेज परियोजना से नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने में भी मदद मिल रही है। धरमपुरी और भेडाघाट सीवरेज परियोजना नर्मदा नदी के संरक्षण में सहायक बनी है। वहीं महेश्वर सीवरेज परियोजना कार्य पूरा होने पर नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए और छिंदवाडा सीवरेज परियोजना से बोदरी और कुलबेहरा नदी के संरक्षण में लिए मदद मिलेगी। इसी तरह शाजापुर सीवरेज परियोजना से चिल्लर नदी को स्वच्छ किया जा रहा है। परियोजना की खास बात यह भी है कि विश्व बैंक की सहायता से धरमपुरी सीवरेज परियोजना में निस्तार पानी का शोधन कर प्राप्त जल का उपयोग बागवानी, वाहन धोने, अग्निशमन जैसे कार्यों के लिए किया जा रहा है। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा इन निकायों में परियोजना के कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा कार्य किया जा रहा है।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश