अतिथि देवो भव के भाव के साथ करें पर्यटकों का स्वागत और सम्मान - अध्यक्ष श्री विनोद गोंटिया
Posted on 25 Jan, 2022 7:24 pm
भारत देश की संस्कृति में पर्यटन की परंपरा पुरातन काल से है। हमारी देवभूमि पर देवता पर्यटन के लिए आते थे। इसलिए अतिथि देवो भव की अवधारणा विकसित हुई। हमें भी प्रदेश में आए हर पर्यटक का स्वागत और सत्कार इसी भावना के साथ करना चाहिए। राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री विनोद गोंटिया ने यह बात जनजातीय संग्रहालय में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस कार्यक्रम में वर्कशॉप में कही। 'मध्यप्रदेश रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म' की थीम पर कार्यशाला आयोजित की गई थी। श्री गोंटिया ने कहा कि पर्यटकों को सुरक्षा और सम्मान दिए जाने की दिशा में रिस्पांसिबल टूरिज्म, विभाग का एक सार्थक प्रयास है। इस मुहिम में स्थानीय वर्गो की सहभागिता और सहयोग प्रदेश में पर्यटन को नई ऊँचाइयाँ देंगे। स्थानीय स्तर पर रोजगार उत्पन्न होंगे और आत्म-निर्भर भारत और मध्यप्रदेश का लक्ष्य हासिल होगा।
श्री गोंटिया ने कहा कि आध्यात्मिक क्षेत्रों में पर्यटन संवर्धन की अपार संभावनायें हैं। नर्मदा परिक्रमा लोगों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक आनन्द की अनुभूति कराने के लिए सम्पूर्ण विश्व में एकमात्र स्थान है, जो पर्यटकों को सीधे धर्म, संस्कृति और सुखद मानसिक अनुभूति प्रदान करती है और समुदाय के लोगों के लिए भी आजीविका का साधन बनती है। पर्यटन सर्किट जहाँ एक ओर ग्रामीण पर्यटन और होम स्टे जैसी नीतियों के जरिये समुदाय आधारित पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है तथा दूर-दराज के ग्रामीणों को पर्यटन उद्योग से जोड़कर उनकी आजीविका के साधन को बढ़ा रहा है। वहीं दूसरी ओर महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 50 हज़ार से अधिक महिलाओं और बालिकाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर पर्यटन उद्योग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ा रहा है और महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में भी मध्यप्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कार्य कर रहा है। श्री गोंटिया ने राज्य संग्रहालय में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी में लकड़ी, बेंबू, लेदर, मिट्टी, कांसा, मार्बल और जूट आदि से बनी सजावटी और दैनिक उपयोग की चीजों का अवलोकन किया और कलाकारों से जानकारी ली।
मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रदेश में एग्रो टूरिज्म की अपार संभावनाएँ है, जो लोगों को प्रकृति के समीप लाने के साथ-साथ पारम्परिक कृषि करने के तरीकों से जोड़ता है। ग्रामीण पर्यटन से जुड़कर हम विश्व को उपभोक्तावाद से परे ले जाकर कम से कम संसाधनों में बेहतर और स्वस्थ जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा पर्यटन के आनंद के साथ दे सकते हैं।
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। यह अवसर है कि हम अपने पिछले 75वर्षो के अनुभव और आगामी संभावनाओं के आधार पर भविष्य की योजना बनाए। कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में पर्यटन विभाग ने आपदा में अवसर ढूंढते हुए नित नए नवाचार किए हैं। प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार बढ़े हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल विजन के साथ रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ग्रामीण पर्यटन योजना में स्थानीय समुदाय की सहायता से पर्यटकों को गाँव में ही रहने और स्थानीय खानपान का स्वाद लेने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इससे पर्यटक गाँव की हजारों वर्षों की संस्कृति, रहन-सहन और कला से परिचित हो सकेंगे। मध्य प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में देश में एक चमकता सितारा है। इसे दूसरे प्रदेशों के लिए एक रोल मॉडल बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
पर्यटन निगम के प्रबंध संचालक श्री एस विश्वनाथन ने कहा कि छोटे-छोटे गाँव में कलाकारों के हस्तशिल्प उत्पादों की ब्रांडिंग और पब्लिशिंग के दिशा में कार्य किया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही पर्यटन के विभिन्न आयाम जल पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, हेरिटेज पर्यटन आदि को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। सैलाना आइलैंड में स्कूबा डाइविंग और मडई तथा मुक्की (कान्हा) में बैलगाड़ी से स्थानीय क्षेत्रों में भ्रमण की दिशा में प्रयास सफल साबित हुए है।
पर्यटन बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने कहा कि कोविड में पर्यटन विभाग ने चुनौतियों का सामना करते हुए पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए नित नए नवाचार किए हैं। रिस्पांसिबल टूरिज्म के माध्यम से ग्रामीण पर्यटन, महिलाओं के लिये सुरक्षित पर्यटन स्थल, एडवेंचर टूरिज्म और कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम पर्यटन के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।
कार्यक्रम में पर्यटन, वैकल्पिक आवास और ग्रामीण पर्यटन विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन भी किया गया, जिसमें विशषज्ञों और मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की सहयोगी संस्थाओं द्वारा अपने विचार और अनुभव साझा किये गए ।
इंदौर होटल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुमित सूरी ने कहा कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रयास वैश्विक स्तर पर सराहनीय है। पर्यटन उदयोग में मध्यप्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए लोग आगे आ रहे हैं। यह शासन की सकारात्मक नीतियों और सहयोग का परिणाम है।
एसोसिएशन ऑफ़ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ़ इंडिया के मध्य प्रदेश चैप्टर के अध्यक्ष श्री अतुल सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय पर्यटन को बढावा दिये जाने के लिए मध्यप्रदेश टूरिज्म्बोर्ड द्वारा रिस्पांसिबल टूरिज्म्में किये जा रहे प्रयास प्रतिकूल परिस्थितयों में भी समुदाय आधारित पर्यटन को बढावा दे रहे हैं।
मेक माय ट्रिप के अल्टरनेटिव अक्मोडेशन सेक्शन के कंट्री हेड श्री रवि प्रकाश ने कहा कि होम स्टे क्षेत्र में मध्यप्रदेश टूरिज्म्बोर्ड द्वारा किये जा रहे नवाचार पर्यटन में नवीन अवसर प्रदान कर रहे हैं। पर्यटकों का एक नया वर्ग जो ग्राम्य जीवन की अनुभूति करना चाहता है और शहरों की भीड़ से दूर समय व्यतीत करना चाहता है, वह होम स्टे में रूकना चाह रहा है। होम स्टे में रूककर पर्यटक क्षेत्रीय संस्कृति, खानपान और लोकोत्सव के बारे परिचित होकर अन्य लोगों बता रहा है। सोशल मीडिया के द्वारा भी ब्लागर्स अपने ब्लाग के माध्यम से ऐसे अनुभवों को निरन्तर साझा कर रहे हैं।
एसोसिएशन ऑफ़ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ़ इंडिया महिला उद्यमिता अधिकारी सुश्री श्वेता चोपड़ा ने कहा कि पर्यटन उद्योग में स्तर पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से प्रदेश में महिला पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए हमें सामाजिक संवेदनशीलता और नीतिगत निर्णयों के लिए पैरवी करना होगा। ये कार्य मध्य प्रदेश शासन कर रहा है।
परिचर्चा में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड से संचालक कौशल डॉ. मनोज कुमार सिंह, श्री युवराज पडोले, श्री ओ.पी. मिश्रा, श्री आनंद कुमार सिंह, मेक माय ट्रिप से श्री रवि प्रकाश, हरीतिका , रागिनी फाउंडेशन और बुन्देली कल्चर आदि संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। कार्यशाला में विभिन्न विभागों, सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि सहित पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए सेवा प्रदाता भी सम्मिलित हुये।
प्रदर्शनी में रेस्पोंसिबल टूरिज्म पर कार्य करने वाली सहयोगी संस्थाओं ने अपने इकोफ्रैंडली उत्पादों का प्रदर्शन भी किया, जिसमें पशु-पक्षी, माटी की महक, इन्द्रावती नाटय समिति, बेक टू विलेज, अरण्या, गोट विलेज, क्वीन इज चिनरांगदा, महाशक्ति, लोककल्याण, विश्वनाथ मेटल, बेम्बूक्राफ्ट, कार्विंग ट्री स्टूडियो, रागिनी आदि संस्थायें शामिल रही। इन संस्थाओं द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन स्टॉल के माध्यम से किया गया। ये स्टॉल आगामी दो दिवसों तक जनजातीय संग्रहालय में लगे रहेंगे। प्रदर्शित किये जा रहे उत्पाद आंगतुकों द्वारा काफी सराहे गए और इन उत्पादों का विक्रय भी किया जा रहा है। इस अवसर पर राजेंद्र जांगले द्वारा बनाई गयी प्रोमोशनल फिल्म 'ओरछा' को भी लांच किया गया।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश