Posted on 30 Dec, 2020 7:20 pm

वित्तीय वर्ष 2021-22 में विद्युत क्षमता में होगी 1426 मेगावाट की वृद्धि - ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि प्रदेश में विद्युत क्षेत्र के विकास और विस्तार के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेशवासियों को भरपूर एवं निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कदम उठाए जा रहे है। प्रदेश में विद्युत उपलब्ध क्षमता 30 नवम्बर 2020 की स्थिति में 21 हजार 220 मेगावाट हो गई। विगत 22 दिसम्बर को इतिहास में सर्वाधिक 15 हजार 21 मेगावाट मांग की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 में विद्युत उपलब्ध क्षमता में 1426 मेगावाट वृद्धि की योजना है।

अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 के बीच किये गये उल्लेखनीय कार्य

विवरण

मात्रा

विद्युत उपलब्ध क्षमता में वृद्धि

356 मेगावाट

नये अति उच्च दाब उपकेन्द्रों की स्थापना

12

अति उच्चदाब ट्रांसफार्मरों की वृद्धि

30

अति उच्चदाब लाइनों का निर्माण

942 सर्किट कि.मी.

33/11 केव्ही उपकेन्द्रों की स्थापना

8

पावर ट्रांसफार्मरों की संख्या

85

33 केव्ही लाईनों का निर्माण

260 कि.मी.

11 केव्ही लाइनों का निर्माण

670 कि.मी.

निम्नदाब लाइनों का निर्माण

231 कि.मी.

वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना

791 कि.मी.

कुल उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि

1.90 लाख

ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने बताया कि प्रदेश में विद्युत पारेसन हानियां अब मात्र 2.59 प्रतिशत रह गई है, यह पूरे देश में न्यूनतम हानियों में से एक है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप 2023 के अंतर्गत भविष्य की विद्युत मांग की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये पारेषण प्रणाली के विस्तार कार्यक्रम मे ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर एवं टैरिफ आधारित अति उच्च दाब उपकेन्द्रों एवं उनसे संबंधित लाइनों के निर्माण कार्य को सम्मिलित किया गया है।

लॉकडाउन अवधि में विद्युत उपभोक्ताओं को एक हजार करोड़ की राहत

प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ता जो संबल योजना के हितग्राही है एवं जिनके माह अप्रैल 2020 में देयक की राशि 100 रूपये तक थी, उनके आगामी तीन माह में देयक राशि 100 रूपये तक आने पर इन माहों में 50 रूपये प्रतिमाह लिया गया। ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनके अप्रैल 2020 मे की देयक की राशि 100 रूपये तक थी उनके आगामी 3 माह में देयक राशि 100 से 400 तक आने पर इन तीन माहों में मात्र 100 रूपये प्रतिमाह की राशि का भुगतान लिया गया। ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनकी अप्रैल 2020 में देयक राशि 100 रूपये से अधिक परंतु 400 या उससे कम थी, उनके आगामी तीन माह देयक राशि 400 से अधिक आने पर इन तीन माह में देयक की राशि का मात्र 50 प्रतिशत लिया गया है। प्रदेश के निम्नदाब, गैर घरेलू एवं निम्नदाब औद्योगिक उच्च दाब टैरिफ एचव्ही 3 उपभोक्ताओं के अप्रैल, मई एवं जून 2020 के विद्युत देयकों में स्थायी प्रभार की वसूली को अस्थगित किया गया था। उपभोक्ताओं द्वारा लॉकडाउन के चलते अप्रैल एवं मई माह के विद्युत बिलों का भुगतान नियत तिथि तक करने पर एक प्रतिशत की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि आगामी बिल में दी गई है। इन निर्णयों से उपभोक्ताओं को लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की राहत प्रदान क गई है।

उपभोक्ताओं के हित में लिये गये निर्णय

घरेलू उपभोक्ताओं से प्रथम 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर मात्र 100 रूपये लिये जाते है। अनुसूचित जाति जनजाति के बीपीएल घरेलू उपभोक्ताओं से 30 यूनिट तक मासिक खपत पर मात्र 25 रूपये लिये जा रहे है,। इन योजनाओं से प्रतिमाह लगभग 1 करोड़ उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे है। वर्तमान रबी सीजन में कृषि उपभोक्ताओं को दिन के समय अधिक बिजली देने के लिये फ्लेक्सी प्लान लागू किया गया है। इसके साथ ही कृषि कार्य के लिये फ्लेट दरों पर बिजली दी जा रही है। इससे लगभग 22 लाख कृषि उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त एक हेक्टयर तक की भूमि वाले अनुसूचित जाति-जनजाति के बीपीएल धारक किसानों को नि:शुल्क बिजली दी जा रही है। इससे लगभग 8 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

19 लाख से अधिक शिकायतें निराकृत

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संबंधित शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिये केन्द्रीयकृत कॉल सेंटरों को सृदृढ़ किया गया है। माह अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 तक की अवधि में प्राप्त सभी 19 लाख 77 हजार 214 शिकायतों का निराकरण किया गया। शिकायतों के निराकरण के बाद उपभोक्ता संतुष्टि के लिये फीडबैक व्यवस्था के तहत अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 की अवधि में 3 लाख 32 हजार 517 उपभोक्ताओं से सम्पर्क किया गया। औसत उपभोक्ता संतुष्टि प्रतिशत 98.4 प्रतिशत पाया गया। उपभोक्ताओं के गलत बिजली बिलों से शिकायतों के निराकरण के लिये 3834 शिविरों का आयोजन कर 33 हजार से अधिक शिकायतों का मौके पर ही निराकरण किया गया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश