Posted on 01 Jun, 2022 7:36 pm

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जनजातीय समाज का उत्थान समावेशी समाज निर्माण का आधार है। पेसा एक्ट के नियमों और प्रावधानों को बनाने का कार्य संवेदनशीलता और गतिशीलता के साथ किए जाएँ। उन्होंने कहा कि हम सभी का यह व्यक्तिगत दायित्व है कि नियम निर्माण प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के प्रयासों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।

      राज्यपाल श्री पटेल पेसा एक्ट के अधिनियम प्रावधानों पर जनजातीय प्रकोष्ठ राजभवन और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों साथ चर्चा कर रहे थे। बैठक का आयोजन दो सत्रों में किया गया था। प्रथम सत्र में राजस्व और खनिज विभाग, दूसरे सत्र में जल संसाधन और वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित प्रावधानों पर विचार-विमर्श किया गया।

     राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जिस तरह स्वस्थ शरीर का कोई भी हिस्सा यदि दर्द करता है तो पूरा शरीर प्रभावित होता है। उसी तरह ही यदि समाज का एक वर्ग पिछड़ा और वंचित है तो समाज भी सुखी और मज़बूत नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि समावेशी समाज के लिए जनजातीय समाज को मुख्य-धारा में शामिल किया जाना अनिवार्य है। जरूरी है कि विकास, उत्थान और जनजागृति के कार्य संवेदनशीलता और गतिशीलता के साथ किए जाएँ। उनका धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता जनजातीय कल्याण और उत्थान की प्रयासों की सफलता में है। उनके जीवन के हर क्षण की सर्वोच्च प्राथमिकता जनजातीय कल्याण का प्रयास है। अधिकारियों से अपेक्षा करते हुए कहा कि जनजातीय समाज के विकास के प्रयासों की उपलब्धि का हर दिन, उनके लिए जन्म दिन के समान आनंद और खुशी का दिन होगा। इसी भाव-भावना के साथ जनजातीय कल्याण और वंचित वर्गों के विकास के प्रयासों में अधिकारियों का सहयोग अपेक्षित है।

जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव खनिज श्री सुखबीर सिंह, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्रीमती दीपाली रस्तोगी, अपर सचिव जल संसाधन श्री आशीष कुमार, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव श्री बी.एस. जामोद, संचालक खनिज श्री राकेश श्रीवास्तव, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्यगण उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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