Posted on 14 Dec, 2020 6:15 pm

जनजाति वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षण के बाद शत-प्रतिशत रोजगार मिलना सुनिश्चित हो

आदिम-जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा है कि प्रदेश में जनजाति वर्ग के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिये जाने के बाद उन्हें शत-प्रतिशत रोजगार दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि युवाओं को पैरामेडिकल, नर्सेस ट्रेनिंग, ड्राइविंग और होटल मैनेजमेंट में विशेष रूप से प्रशिक्षण दिलाया जाये। इन क्षेत्रों में रोजगार के अच्छे अवसर हैं। आदिम-जाति कल्याण मंत्री आज मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर रही थी।

बैठक में बताया गया है कि प्रदेश के पाँच स्थानों पर कौशल प्रशिक्षण केन्द्र बनाये जा रहे हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क में ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस वर्ष मध्यप्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद (मेपसेट) के माध्यम से 20 हजार जनजाति वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षण दिलाये जाने की कार्य-योजना तैयार की गई है। इस पर 40 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। परिषद में पिछले दो वर्षों में करीब 15 हजार 500 जनजाति वर्ग के युवाओं को विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण दिलवाया गया है।

प्रदेश की जनजाति संस्कृति का प्रदर्शन अन्य प्रदेशों में भी हो

आदिम-जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा कि प्रदेश की गौरवमयी जनजाति संस्कृति का प्रदर्शन अन्य प्रदेशों में भी हो। इस कार्य में वन्या प्रकाशन प्रभावी पहल करे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 22 जनजाति बहुल जिलों में से केवल 8 जिलों में वन्या रेडियो संचालित हो रहे हैं। शेष 14 जिलों में भी वन्या सामुदायिक रेडियो केन्द्र की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में भीली, भिलाली, कोरकू, सहरिया और गोंडी, भाषाओं में रेडियो स्टेशन का संचालन हो रहा है। प्रदेश की जनजाति हस्तशिल्प, हथकरघा एवं अन्य उत्पादों को पहचान दिलाने के लिये उनकी जी.आई. टेगिंग कराये जाने का भी प्रस्ताव है। इसके साथ ही वन्या की वेबसाइट तैयार कराई जा रही है। इसमें जनजाति संस्कृति की वीडियो फिल्म अपलोड की जायेगी। प्रमुख सचिव श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने बताया है कि मध्यप्रदेश की जनजाति कलाओं को वैश्विक स्तर पर प्रचलित और क्रय-विक्रय के लिये विशेष पोर्टल तैयार किये जाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही अन्य निजी ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से भी जनजाति कलाओं का क्रय-विक्रय किये जाने की सुविधा होगी। बैठक में बताया गया कि राजधानी भोपाल में जनजाति कलाओं के प्रदर्शन के लिये एक ट्रॉयबल एजुकेशन रिसोर्स सेन्टर का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। बैठक में आदिम-जाति कल्याण मंत्री ने जनजाति क्षेत्र में दिये जाने वाले रानी दुर्गावती, वीर शंकरशाह रघुनाथ, ठक्कर बापा, जननायक टंट्या भील, बादल भोई और जन गण श्याम सम्मान की ज्यूरी बैठक जल्द किये जाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।

बैठक में राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की गतिविधियों की भी समीक्षा की गई। आयुक्त आदिम-जाति कल्याण श्री संजीव सिंह ने आकांक्षा, विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति और सिविल सेवा चयन परीक्षा योजना के बारे में जानकारी दी। बैठक में सुश्री शैलबाला मार्टिन, अपर कमिश्नर श्री कृष्ण गोपाल तिवारी, श्री हरजिन्दर और उप सचिव श्री दिनेश श्रीवास्तव भी मौजूद थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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